Delhi New CM: दिल्ली में मुख्यमंत्री पद की दौड़ तेज़, शाह के आवास पर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक, सीएम बनने के दौड़ में सबसे आगे हैं....

दिल्ली में 27 साल बाद बहुमत मिलने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठकों का दौर जारी है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर पार्टी के शीर्ष नेताओं की एक अहम बैठक चल रही है। इसमें दिल्ली सरकार के गठन को लेकर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। शाम को बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक भी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के साथ आयोजित की जाएगी।

Feb 9, 2025 - 13:57
Feb 9, 2025 - 13:59
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Delhi New CM: दिल्ली में मुख्यमंत्री पद की दौड़ तेज़, शाह के आवास पर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक, सीएम बनने के दौड़ में सबसे आगे हैं....
किसके नाम पर लगेगी मोहर
दिल्ली: दिल्ली में 27 साल बाद बहुमत मिलने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठकों का दौर जारी है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर पार्टी के शीर्ष नेताओं की एक अहम बैठक चल रही है। इसमें दिल्ली सरकार के गठन को लेकर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। शाम को बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक भी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के साथ आयोजित की जाएगी।
दिल्ली में मुख्यमंत्री पद की दौड़ को लेकर विभिन्न नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। बीजेपी आलाकमान की ओर से अब तक किसी भी नेता का नाम आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किया गया है, लेकिन यह साफ हो गया है कि पार्टी अगले कुछ दिनों में इस बारे में बड़ा फैसला लेने वाली है। मुख्यमंत्री के संभावित दावेदारों में प्रवेश वर्मा, सतीश उपाध्याय, विजेंद्र गुप्ता, रेखा गुप्ता और आशीष सूद के नाम प्रमुख हैं।
प्रमुख दावेदारों के नाम

प्रवेश वर्मा: पूर्व सांसद और नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा की दावेदारी बेहद मजबूत मानी जा रही है। वे पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं, और उनका नाम दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे है। उनके बारे में कहा जा रहा है कि यदि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाता है, तो दिल्ली के ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय में भी बीजेपी का संदेश पहुंचेगा।
विजेंद्र गुप्ता: दिल्ली विधानसभा में निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में है। वे दो बार रोहिणी से विधायक चुने गए थे और 2015 में उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। पार्टी के भीतर उनकी पहचान एक मजबूत और परिपक्व नेता के रूप में बन चुकी है, जो वैश्य समुदाय में भी अपनी पैठ रखते हैं।
सतीश उपाध्याय: दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर पार्टी को एक और सशक्त नेता दिया है। वे नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वे मध्य प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी हैं और उनकी राजनीतिक छवि को देखते हुए उनकी दावेदारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

आशीष सूद: जनकपुरी से जीतने वाले आशीष सूद दिल्ली में पार्टी के पंजाबी चेहरे के रूप में उभरकर सामने आए हैं। वे प्रदेश भाजपा में महासचिव और उपाध्यक्ष रह चुके हैं और गोवा तथा जम्मू-कश्मीर के सह-प्रभारी के तौर पर भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
पूर्वांचलियों को मिल सकता है मौका

रेखा गुप्ता: शालीमार बाग से चुनाव जीतने वाली रेखा गुप्ता दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। उनके पास नगर निगम पार्षद और प्रदेश भाजपा की पूर्व महासचिव के तौर पर प्रशासनिक अनुभव भी है। महिलाओं में पार्टी की पकड़ को मजबूत करने के लिए उनका नाम भी सामने आ रहा है।

दिल्ली में मुख्यमंत्री पद की नियुक्ति के साथ-साथ यह भी चर्चा है कि इस बार पार्टी पूर्वांचलियों को प्रमोट कर सकती है। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचलियों का उल्लेख किया था, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी आगामी मुख्यमंत्री में से किसी एक को उपमुख्यमंत्री बनाने पर विचार कर सकती है। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में 10 प्रतिशत मंत्रिमंडल में स्थान मिलता है, जिससे मुख्यमंत्री के साथ एक उपमुख्यमंत्री भी चुना जा सकता है।
जल्द हो सकता है नाम का ऐलान

भाजपा के विधानसभा चुनाव प्रभारी बैजयंत जय पांडा ने यह बयान दिया है कि अगले 10 दिनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री का नाम घोषित कर दिया जाएगा। हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान इससे पहले भी हो सकता है। इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री के पद को लेकर भी कुछ नामों की चर्चा हो रही है, जो पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए चुने जा सकते हैं।
यह भी बताया जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान इस बार मुख्यमंत्री पद के लिए एक ऐसे चेहरे को चुनने जा रही है, जो पार्टी के चुनावी रणनीति और दिल्ली की जनता के बीच सशक्त प्रतिनिधित्व की छवि को मजबूत कर सके। पार्टी का मानना है कि दिल्ली में चुनावी सफलता को अब अगले पांच वर्षों तक स्थायी बनाने के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है।
बीजेपी का यह निर्णय दिल्ली की राजनीति में अगले कुछ हफ्तों में एक नया मोड़ ला सकता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किस नेता को मुख्यमंत्री बनाने की दिशा में कदम उठाती है।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.