अमृतपाल सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई : नहीं मिली राहत...
खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह की संसद में पेश होने की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सुनवाई की। अदालत ने सवाल उठाया कि अब जबकि लोकसभा का सत्र खत्म हो चुका है, तो संसद में आने का क्या फायदा है।

कोर्ट ने पूछा, क्या वर्चुअल तरीके से जॉइन कर सकते हैं अमृतपाल?
अदालत ने इस पर विचार किया कि क्या अमृतपाल सिंह को वर्चुअल तरीके से लोकसभा सत्र में शामिल किया जा सकता है। अदालत ने केंद्र से यह भी पूछा कि क्या लोकसभा की कोई ऐसी समिति है, जो अनुपस्थित रहने वाले सदस्यों के मामलों पर विचार करती है। अदालत ने केंद्र को मंगलवार तक इस सवाल का जवाब देने का आदेश दिया है।
अमृतपाल के वकील ने जताई चिंता
अमृतपाल सिंह के वकील ने कोर्ट में कहा कि उन्हें डर है कि यदि याचिका का निपटारा जल्दी नहीं हुआ तो 46 दिन बीत चुके हैं 14 दिनों के बीच अगर सदन में उनकी उपस्थिती नहीं दर्ज हुई तो उनकी संसद से सदस्यता समाप्त हो सकती है। वकील ने यह भी कहा कि 60 दिन की अनुपस्थिति पूरी होने के बाद सदस्यता को रिक्त घोषित किया जा सकता है।
कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब आगामी 10 मार्च को लोकसभा का सत्र शुरू होगा, और उससे पहले लोकसभा की तरफ से उन्हें सत्र का नोटिस मिलेगा, तब वह इस मुद्दे पर पुनः अदालत से संपर्क कर सकते हैं। बिना लोकसभा के किसी नोटिस के कोर्ट में कोई सुनवाई नहीं हो सकती है। इसलिए जब लोकसभा से कोई नोटिस आजाए तब कोर्ट में कोई सुनवाई की जाएगी।
सांसद अमृतपाल की अनुपस्थिति और सदस्यता पर बढ़ी चिंता
इस मामले में अमृतपाल सिंह की लगातार अनुपस्थिति और उनकी संसद सदस्यता को लेकर चर्चा बढ़ गई है। यदि अमृतपाल की अनुपस्थिति 60 दिन तक जारी रहती है, तो उनकी सदस्यता समाप्त हो सकती है। अदालत ने इस पर भी विचार करते हुए केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए मंगलवार तक समय दिया है।
अमृतपाल सिंह की यह याचिका संसद की कार्यवाही में उनकी अनुपस्थिति से जुड़े मुद्दे को लेकर अब उच्च न्यायालय में महत्वपूर्ण मोड़ पर आ गई है, और अदालत ने सरकार से इस पर उचित जवाब तलब किया है।
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