राहुल गांधी ने कहा: पीएम और होम मिनिस्टर का मध्यरात्रि में CEC नियुक्ति का निर्णय अपमानजनक
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का मध्यरात्रि में नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के चयन का निर्णय "अपमानजनक" और "असभ्य" था, ऐसा किया जाना बिल्कुल कानून विरोधी है।

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का मध्यरात्रि में नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के चयन का निर्णय "अपमानजनक" और "असभ्य" था, ऐसा किया जाना बिल्कुल कानून विरोधी है।
राहुल गांधी का बयान
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के लिए असम्मानजनक है कि उन्होंने उस समय नए CEC की नियुक्ति की, जब इस प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा रही थी और मामले की सुनवाई 48 घंटे के भीतर होनी थी। गांधी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह कदम स्वतंत्र चुनाव आयोग के चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप को बढ़ावा देता है।
गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया
राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में कहा कि, "मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह स्वतंत्र चुनाव आयोग से जुड़ा है, और यह प्रक्रिया पूरी तरह से स्वतंत्र होनी चाहिए।" गांधी ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है और भारतीय लोकतंत्र की अखंडता पर सवाल उठाए हैं।
राहुल गांधी का असहमति नोट
गांधी ने चयन समिति की बैठक में असहमति नोट प्रस्तुत करते हुए कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर ने संविधान सभा में 1949 में स्वतंत्र चुनाव आयोग की स्थापना पर अपने भाषण में जो चेतावनी दी थी, वह आज भी प्रासंगिक है। गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 2 मार्च 2023 के फैसले में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए एक समिति के गठन का आदेश दिया था, जिसमें प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल हों।
सरकार द्वारा कानून में बदलाव की आलोचना
गांधी ने कहा कि सरकार ने 2023 में एक नया कानून बनाया, जिसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए नई समिति का गठन किया, जिसमें मुख्य न्यायाधीश को हटा दिया गया और एक केंद्रीय मंत्री को नियुक्त किया गया।
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस पार्टी ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि अगले CEC की नियुक्ति की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक स्थगित कर दी जानी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा, "हमारी पार्टी का यह स्पष्ट दृष्टिकोण है कि नए CEC के चयन की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक स्थगित किया जाना चाहिए।"
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह 19 फरवरी 2025 को इस मामले की सुनवाई करेगा, जिसमें चुनाव आयोग के चयन को लेकर उठाए गए सवालों पर चर्चा की जाएगी। एक एनजीओ के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि सरकार ने संविधान बेंच के आदेश का पालन नहीं किया और यह लोकतंत्र का मजाक उड़ाने जैसा है।
राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का मानना है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का यह निर्णय संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन करता है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, जहां 19 फरवरी को इस पर सुनवाई होगी।
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