ये बजट बड़ा ढोल है, इसमें आवाज तो बहुत है पर अंदर से खाली: अखिलेश
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये का बजट पेश किया। यह बजट वर्ष 2024-2025 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है और इसमें किसानों, युवाओं, महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का ऐलान किया गया है

बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं और बच्चों का ख्याल: योगी सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में इस बजट को पेश किया और कहा कि यह बजट राज्य के विकास, किसानों की आय में वृद्धि, युवाओं को रोजगार, महिलाओं को सशक्त बनाने और बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर आधारित है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य के बुनियादी ढांचे में सुधार और निवेश बढ़ाने का भी उल्लेख किया।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किया बजट की आलोचना
बजट पेश होने के बाद, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रेस वार्ता में इस बजट को "खोखला" करार दिया। उन्होंने कहा कि यह भाजपा का "सेकंड लास्ट" बजट है, और अगले चुनाव में लोगों को नई सरकार का मौका मिलेगा। यादव ने यह भी कहा कि इस बजट की घोषणाएं भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र से मेल नहीं खातीं और सरकार के पास राज्य को आगे ले जाने का कोई स्पष्ट विजन नहीं है।
अखिलेश यादव ने यह आरोप भी लगाया कि हर बजट में सरकार यही दावा करती है कि यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है, लेकिन यह सिर्फ आंकड़ों का खेल है। उन्होंने कहा, "यह बजट एक बड़ा ढोल है, जिसमें आवाज तो बहुत है, लेकिन अंदर से खाली है।"
शिवपाल यादव ने बजट को घोटालों की पटकथा बताया
समाजवादी पार्टी के महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने भी इस बजट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे बीजेपी के बड़े घोटाले की पटकथा करार दिया और कहा कि अगर यही विकास है, तो जनता को अंधकार से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए। शिवपाल यादव ने सरकार से आग्रह करते हुए कहा, "अगली बार जुमलों की किताब की जगह जनता की जरूरतों के मुताबिक बजट बनाएं। हम 2027 में जनता के हित में एक बेहतर बजट लेकर आएंगे।"
उत्तर प्रदेश का यह 9वां बजट राज्य के विकास के लिए कई नई योजनाओं का प्रस्ताव करता है, लेकिन इसके बाद सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। समाजवादी पार्टी के नेता इसे खोखला और घोटालों की पटकथा करार दे रहे हैं, जबकि राज्य सरकार इसे विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मान रही है। इस बजट के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि सपा और अन्य विपक्षी दल अगले चुनावों में इसे किस रूप में जनता के बीच पेश करते हैं।
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