पुरी जगन्नाथ मंदिर के ऊपर ड्रोन उड़ने की घटना, जांच शुरू
पुरी में जगन्नाथ मंदिर के ऊपर ड्रोन उड़ने की एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। रविवार की सुबह लगभग 4:10 बजे ड्रोन को मंदिर के ऊपर उड़ते हुए देखा गया। यह ड्रोन पहले मंदिर के चारों ओर मंडराया और फिर मेघनाद दीवार का चक्कर लगाया, इसके बाद मंदिर के ऊपर से गुजरते हुए नीलचक्र के पास चक्कर लगाने के बाद उत्तर गुमुट होते हुए बड़दांड की दिशा में गायब हो गया। इस घटना के बाद स्थानीय अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है, यह पता लगाने के लिए कि ड्रोन किसने उड़ाया और वह मंदिर के ऊपर कैसे पहुंचा।

जांच की जा रही है: ड्रोन उड़ाने वाले का पता लगाने की कोशिश
पुरी पुलिस और प्रशासन ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह घटना एक सुरक्षा उल्लंघन हो सकती है, क्योंकि ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं है, खासकर धार्मिक और संवेदनशील क्षेत्रों में। पुलिस अब यह जांचने में जुटी है कि ड्रोन को उड़ाने वाले व्यक्ति ने इसे मंदिर के ऊपर कैसे उड़ाया और इसका उद्देश्य क्या था।
पुरी में प्रवासी भारतीयों के स्वागत के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार
पुरी जिला प्रशासन प्रवासी भारतीयों के स्वागत के लिए तैयार है, जो 8 से 10 जनवरी तक भुवनेश्वर में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए आ रहे हैं। जिला कलक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वांई ने बताया कि प्रवासी भारतीयों के लिए पुरी के प्रमुख पर्यटन स्थलों, जैसे मंदिर, ब्लू फ्लैग बीच, सातपड़ा, रामचंडी, कोणार्क और रघुराजपुर का दौरा आयोजित किया जाएगा।
सुरक्षा और व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान
दिसंबर में आयोजित होने वाले इस आयोजन के लिए प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा और व्यवस्था की तैयारी की है। जिला कलेक्टर ने मीडिया को बताया कि प्रशासन ने पुरी शहर में साफ-सफाई, यातायात नियंत्रण, और अनुशासन पर विशेष ध्यान दिया है। प्रवासी भारतीयों के लिए विशेष दल तैनात किए जाएंगे, ताकि उनका अनुभव सुखद और सुरक्षित हो। इसके साथ ही, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, जैसे रेत कला, पुष्प प्रदर्शनी, खाद्य मेले, पतंग उत्सव, समुद्र तट खेल, पल्लीश्री मेला और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
भुवनेश्वर और पुरी में आयोजित होंगे खास उत्सव
उप मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री प्रभाति परिड़ा ने घोषणा की कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान भुवनेश्वर में पथ उत्सव और पुरी में सीबीच महोत्सव आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान राज्य के 31 प्रमुख पर्यटन स्थलों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें बौद्ध गलियारा, आध्यात्मिक पर्यटन, और अन्य प्रमुख स्थल शामिल हैं।
एनआरआई के लिए विशेष व्यवस्थाएं: सुरक्षा और यात्रा का ध्यान
पुरी प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि एनआरआई के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं। उनके साथ गाइड होंगे, जो उड़िया, हिंदी और अंग्रेजी बोलने में सक्षम होंगे। जिन होटलों में एनआरआई ठहरेंगे, वहां सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया जाएगा। इसके अलावा, एनआरआई को डबल डेकर वाहनों में यात्रा कराने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे विभिन्न स्थानों का सुविधाजनक तरीके से दौरा कर सकें।
खास ओडिशा अनुभव: पारंपरिक भोजन और आतिथ्य
उप मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि ओडिशा की खाद्य व्यवस्था और मेहमाननवाजी को प्रदर्शित करने का यह एक शानदार अवसर है। कई प्रवासी भारतीय उड़िया लोगों के घरों में रहकर पारंपरिक उड़िया भोजन का स्वाद लेंगे। अब तक लगभग ढाई हजार एनआरआई ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है और कुछ एनआरआई अपने घरों में ही ठहरेंगे।
यह आयोजन ओडिशा के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, जिसमें राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और अतिथि सत्कार को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया जाएगा।
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