हैदराबाद,04जनवरी: भाजपा नेता और गोशामहल विधायक राजा सिंह ने केरल में सबरीमाला जाने वाले अयप्पा भक्तों को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने भक्तों को मस्जिदों में जाने से बचने की सलाह दी। उनका कहना था कि यदि भक्त मस्जिदों में जाएंगे तो वे "अशुद्ध" हो जाएंगे। उनके इस बयान ने धार्मिक और राजनीतिक समुदायों में तूफान मचा दिया है।
मस्जिद में जाकर अशुद्ध हो जाओगे
राजा सिंह ने एक सार्वजनिक बयान में कहा, "अयप्पा दीक्षा लेने वाले भक्तों को मस्जिदों में जाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे वे अशुद्ध हो जाएंगे।" उनका आरोप था कि कुछ लोग भक्तों को मस्जिदों में जाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जो कि एक "साजिश" का हिस्सा है। भाजपा नेता का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया और इससे धार्मिक संवेदनाओं को चोट पहुंचने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
राजा सिंह का यह बयान क्यों आया?
राजा सिंह ने कहा कि भक्तों को 'अयप्पा दीक्षा' के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए और उनकी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर भक्तों को मस्जिदों में भेजने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उनके धार्मिक आस्थाओं में विघ्न डाला जा सके।
मुख्यमंत्रियों से मांग
इस विवादास्पद बयान के अलावा, राजा सिंह ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से भी एक खास मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और एन चंद्रबाबू नायडू से अपील की कि वे केरल सरकार को पत्र लिखकर अयप्पा भक्तों के लिए विशेष आवास निर्माण के लिए 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएं। उनका यह बयान तीर्थयात्रा के दौरान भक्तों के लिए बेहतर सुविधाओं और सुरक्षा की आवश्यकता को लेकर था।
धार्मिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
राजा सिंह के इस बयान को लेकर राजनीतिक और धार्मिक समुदायों से मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई लोगों ने इसे भड़काऊ और असंवेदनशील करार दिया, जबकि कुछ ने उनके बयान का समर्थन किया। इस विवाद ने धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनाओं को और भी अधिक तीव्र कर दिया है।
यह विवाद भाजपा नेता के बयान के बाद और बढ़ सकता है, खासकर उन लोगों के बीच जो अयप्पा की पूजा और उनके दर्शन को बहुत श्रद्धा से मानते हैं। इस प्रकार के बयानों ने राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में एक नया मोड़ लाया है, जो आने वाले दिनों में और अधिक तूल पकड़ सकता है।