रोहित शर्मा का इंटरनेशनल करियर 37 साल के रोहित शर्मा ने भारत के लिए 2007 से अब तक 159 टी20, 265 वनडे और 59 टेस्ट मैच खेले हैं। टेस्ट में उन्होंने 2013 में डेब्यू किया था। टी20 में रोहित के नाम 4231, वनडे में 10866 तो टेस्ट में 4137 रन हैं। बता दें कि जून 2024 में टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद रोहित ने टी20 इंटरनेशनल से संन्यास ले लिया था।
PAK vs BAN 1st Test: पाकिस्तान क्रिकेट में कोई न कोई विवाद होते ही रहता है। अब मोहम्मद रिजवान को ही देख लीजिए। वह दोहरा शतक बनाते दिख रहे थे कि कप्तान शान मसूद ने पारी ही घोषित.......
रावलपिंडी: पाकिस्तान ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के दूसरे दिन अपना दबदबा कायम रखा था। विकेटकीपर-बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान और उप-कप्तान सऊद शकील ने शानदार शतकों के साथ टीम को 448-6 के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। रिजवान ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 239 गेंदों पर 171 रन बनाकर नाबाद रहे, जिसमें उन्होंने धैर्य और आक्रामकता का जबरदस्त मिश्रण दिखाया। शकील ने लाल गेंद के क्रिकेट में अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हुए 261 गेंदों पर 141 रन का योगदान दिया।
उनकी 240 रनों की शानदार पांचवें विकेट की साझेदारी ने पाकिस्तान को 114-4 के नाजुक स्कोर से बचाया और एक मजबूत स्कोर के लिए मंच तैयार किया। जब पाकिस्तान ने दिन के अंत में पारी घोषित की तब तक वे पहले से ही एक मजबूत स्थिति में थे। हालांकि, घोषणा से एक विवाद सामने आया। सवाल उठ रहे हैं कि क्या पाकिस्तान के कप्तान शान मसूद ने जल्दबाजी में निर्णय लिया था। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा कि मसूद पारी घोषित करने से पहले रिजवान के दोहरे शतक तक पहुंचने का इंतजार कर सकते थे।
विकेटकीपर-बल्लेबाज इस मील के पत्थर से केवल 29 रन दूर थे। दिन के खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए पाकिस्तान के उप-कप्तान शकील से भी इस फैसले के बारे में पूछा गया। इस पर उन्होंने पूरा स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा- देखिए, जहां तक रिजवान भाई के दोहरे शतक का सवाल है, मुझे नहीं लगता कि (पारी घोषित करने का) फैसला लेने में कोई जल्दबाजी थी। रिजवान भाई को एक घंटे पहले स्पष्ट रूप से बताया गया था कि हम इस समय पारी घोषित करेंगे। इसलिए उन्हें पता था कि हम कब पारी घोषित करेंगे। उन्हें बताया गया था कि हम पारी घोषित करने से पहले 450 के करीब पहुंचने की कोशिश करेंगे।
दूसरी ओर, अगर रिजवान जानते थे कि ऐसा होगा तो क्या उन्हें थोड़ा तेज खेलना चाहिए था। अगर वह मेसेज पहुंचाते कि थोड़ा वक्त और दिया जाए तो संभव है कि उनका दोहरा शतक पूरा होता। वहीं, शान मसूद ने कहा भले ही था, लेकिन अगर कोई खिलाड़ी रिकॉर्ड के करीब हो तो उसके लिए थोड़ी छूट बन सकती थी। इसमें कोई दोराय नहीं है कि आने वाले कई सालों तक शान मसूद के इस फैसले पर सवाल उठता रहेगा।
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