विदेश से आया ₹1,67,73,73,00,000 का ऑफर लेकिन HDFC Bank ने ठुकरा दिया, जानिए वजह..
एचडीएफसी बैंक देश का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है। इसकी एनबीएफसी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज को अगले साल सितंबर से पहले लिस्ट होना है। इसमें 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए जापान के.....
- एचडीएफसी बैंक ने जापानी बैंक के ऑफर को ठुकराया
- एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में स्टेक खरीदने का ऑफर
- 20% स्टेक के लिए दिया था 2 अरब डॉलर का प्रस्ताव
नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े लैंडर एचडीएफसी बैंक ने अपनी एनबीएफसी कंपनी के लिए 2 अरब डॉलर (करीब 16,773 करोड़ रुपये) एफडीआई निवेश के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। जापान के सबसे बड़े बैंक मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (MUFG) ने एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में 20% हिस्सेदारी खरीदने के लिए 2 अरब डॉलर की पेशकश की थी। यह भारत में फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में सबसे बड़ा एफडीआई प्रस्ताव था। लेकिन एचडीएफसी बैंक ने इसे खारिज कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक बैंक के बोर्ड ने आरबीआई के नियमों का पालन करने के लिए एचडीबी के लिस्टिंग प्लान को अपना समर्थन दिया है। माना जा रहा है कि इस फैसले से जापान को निराशा होगी। जापानी सरकार ने इस डील का समर्थन किया था।
इस डील को क्वाड ब्लॉक के दो प्रमुख देशों भारत और जापान के बीच आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के कदम के रूप में देखा गया था। सूत्रों का कहना है कि इस डील का टूटना बैंक में सीनियर लेवल पर मतभेद को उजागर करता है। MUFG ने एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज की वैल्यूएशन $9 अरब लगाई थी। इससे HDFC बैंक के लिए मूल्य अनलॉक होती जो अपनी मूल कंपनी HDFC लिमिटेड के साथ मर्जर के बाद तालमेल के मुद्दों से जूझ रहा है। जापानी बैंक HDB में को-प्रमोटर बनने के लिए भी तैयार था। इस डील से MUFG को भारत के बाजार में एंट्री का मौका मिल जाता। जापानी बैंक की अमेरिका के इनवेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टेनली में 20 फीसदी हिस्सेदारी है।
जापानी बैंकों की समस्या
जापान में ग्रोथ रेट पिछले कई दशक से सुस्त पड़ा है। यही वजह है कि वहां के बैंक दूसरे देशों में ग्रोथ की संभावनाएं तलाश रहे हैं। एचडीएफसी बैंक के पास शैडो बैंक का 94.7% हिस्सा है। बाकी 5.3% स्टॉक ऑप्शन के रूप में कर्मचारियों के पास है। एमयूएफजी और एचडीएफसी बैंक ने इस बारे में सवालों का जवाब नहीं दिया। एचडीबी को आरबीआई ने 16 अपर लेयर एनबीएफसी में रखा है। कंपनी आईपीओ की तैयारी कर रही है। कंपनी का आईपीओ इस कैलेंडर ईयर की अंतिम तिमाही या 2025 की पहली तिमाही में आ सकता है। यह एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के मर्जर के बाद लिस्ट होने वाली एचडीएफसी ग्रुप की पहली कंपनी होगी। आरबीआई के नियमों के मुताबिक इसे सितंबर 2025 से पहले लिस्ट होना जरूरी है।
जुलाई में एचडीएफसी बैंक के बोर्ड ने एचडीबी की लिस्टिंग को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। एचडीबी फाइनेंशियल का बिजनस 27 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में फैला है। कंपनी की 1,680 शाखाएं हैं और 1.46 करोड़ ग्राहक हैं। यह पर्सनल, कमर्शियल, होम, ऑटो लोन और प्रॉपर्टी के अगेंस्ट लोन देती है। इसमें निवेश के लिए एचडीएफसी बैंक और जापानी बैंक में 2021 से बातचीत चल रही थी। इस साल की शुरुआत में इसमें तेजी आई थी। ET ने सबसे पहले 12 अप्रैल को खबर दी थी कि MUFG ने अपनी योजना को अंतिम रूप दे दिया है।
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