सुकमा जिले में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों द्वारा लगाए गए 10 किलोग्राम के आईईडी को किया बरामद
बीजापुर में हुए भयंकर विस्फोट में आठ पुलिसकर्मियों और एक नागरिक चालक की मृत्यु के एक दिन बाद, सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली है। मंगलवार को, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोंटा-गोलापल्ली मार्ग पर माओवादियों द्वारा लगाए गए एक 10 किलोग्राम का इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बरामद किया गया। यह आईईडी सड़क के नीचे छुपाकर रखा गया था, और इसे खोजने में सुरक्षाकर्मियों ने बड़ी सूझबूझ दिखाई। इस बरामदगी से एक बड़ी दुर्घटना को टाला जा सका।

कोंटा-गोलापल्ली मार्ग पर आईईडी की बरामदगी
सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जिला पुलिस के जवान शामिल थे, ने कोंटा-गोलापल्ली मार्ग के बेलपोच्चा गांव के पास इस विस्फोटक डिवाइस को बरामद किया। यह आईईडी मार्ग पर बारूदी सुरंगों को हटाने के अभ्यास के दौरान पाया गया। सुरक्षाकर्मियों ने सड़क के नीचे दबे इस विस्फोटक उपकरण को देखा और तुरंत कार्रवाई की, जिससे एक संभावित बडी दुर्घटना से बचाव हुआ।
सुरक्षा बलों की सतर्कता और जोखिमों का सामना
इस घटना ने यह फिर से साबित कर दिया कि माओवादियों की गतिविधियां अभी भी राज्य के कुछ हिस्सों में सक्रिय हैं। सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई ने इस बार बड़ी जनहानि को टाल दिया, लेकिन माओवादियों की ओर से इस प्रकार के विस्फोटक उपकरणों का इस्तेमाल सुरक्षा बलों के लिए गंभीर चुनौती बना हुआ है। इस बीच, छत्तीसगढ़ पुलिस और सीआरपीएफ ने आईईडी के अवशेषों की जांच शुरू कर दी है और इलाके में तलाशी अभियान जारी है।
पिछले दिन हुए विस्फोट का असर
पिछले दिन बीजापुर में हुए विस्फोट में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के आठ जवानों और एक नागरिक चालक की मौत हो गई थी। यह घटना माओवादियों के द्वारा किए गए हमले के तहत घटी थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने माओवादी गतिविधियों को रोकने के लिए पूरे राज्य में सुरक्षात्मक उपायों को और कड़ा कर दिया है।
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