केंद्र सरकार ने लॉन्च की "वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन" (ONOS) योजना: छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए बड़ा कदम
केंद्र सरकार ने नए साल के मौके पर छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक ऐतिहासिक योजना का शुभारंभ किया है, जिसका नाम है "वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन" (ONOS)। यह योजना देशभर में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा देने का लक्ष्य रखती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर 2024 में इस योजना को मंजूरी दी थी।अब 1 जनवरी 2025 से इसका पंजीकरण भी शुरू कर दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध और जर्नल्स तक आसानी से पहुंच प्रदान करना है।

नई दिल्ली 1 जनवरी: केंद्र सरकार ने नए साल के मौके पर छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक ऐतिहासिक योजना का शुभारंभ किया है, जिसका नाम है "वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन" (ONOS)। यह योजना देशभर में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा देने का लक्ष्य रखती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर 2024 में इस योजना को मंजूरी दी थी।अब 1 जनवरी 2025 से इसका पंजीकरण भी शुरू कर दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध और जर्नल्स तक आसानी से पहुंच प्रदान करना है।
ONOS योजना का उद्देश्य: उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक आसान पहुंच
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) योजना का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के संसाधनों की पहुंच को आसान बनाना है। खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में रहने वाले छात्रों के लिए यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। यह योजना न केवल छात्रों को बढ़ावा देगी, बल्कि रिसर्च और शैक्षिक स्तर को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।
योजना के लाभ: 1.80 करोड़ छात्र होंगे लाभान्वित
इस योजना से देशभर के सरकारी वित्त पोषित उच्च शिक्षा संस्थानों के लगभग 1.80 करोड़ छात्रों को सीधे लाभ होगा। योजना के तहत, छात्र और शोधकर्ता 13400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स और शोधपत्रों तक अपनी पहुंच बना सकेंगे। इस पोर्टल पर कुल 6300 संस्थान रजिस्टर्ड होंगे, जिसमें IITs और NITs जैसे प्रतिष्ठित संस्थान भी शामिल हैं।
यह पोर्टल पूरी तरह से डिजिटल होगा, जिससे छात्र और शोधकर्ता आसानी से अंतरराष्ट्रीय शोधपत्रों, जर्नल्स और शैक्षिक सामग्री का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि देश के सभी कोनों में रहने वाले छात्र, विशेष रूप से छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों से, उच्च गुणवत्ता वाली शैक्षिक सामग्री तक पहुंच बना सकेंगे।
योजना की विशेषताएँ और बजट
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना को दो चरणों में लागू किया जाएगा। इस योजना के लिए कुल 6000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। पहले चरण में विशेष रूप से इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, साइंस, मैथमेटिक्स, मेडिकल, मैनेजमेंट, पॉलिटिकल साइंस और ह्यूमैनिटीज जैसे विषयों के शोध और जर्नल्स उपलब्ध कराए जाएंगे।
दूसरे चरण में इस योजना को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के आधार पर बढ़ाया जाएगा, जिससे और भी अधिक संसाधन छात्रों और शोधकर्ताओं को उपलब्ध कराए जाएंगे।
पहले चरण में उपलब्ध विषयों की सूची
इस योजना के पहले चरण में निम्नलिखित विषयों पर शोध और जर्नल्स उपलब्ध होंगे:
इंजीनियरिंग
टेक्नोलॉजी
साइंस
मैथमेटिक्स
मेडिकल
मैनेजमेंट
पॉलिटिकल साइंस
ह्यूमैनिटीज
इन विषयों में 13400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स और शोधपत्र छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध होंगे। इसके माध्यम से छात्र अपनी पढ़ाई में बेहतर संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे और शोधकर्ताओं को अपनी रिसर्च के लिए नई दिशा मिलेगी।
गौरतलब तथ्य:
योजना की लागत: 6000 करोड़ रुपये
लाभार्थी: 1.80 करोड़ छात्र
उपलब्ध जर्नल्स: 13400+
पहला चरण: इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, साइंस, मैथमेटिक्स, मेडिकल, मैनेजमेंट, पॉलिटिकल साइंस, ह्यूमैनिटीज
पंजीकरण: 1 जनवरी 2025 से शुरू
सरकार का दृष्टिकोण
केंद्र सरकार के इस कदम को शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति माना जा रहा है। इस योजना से देशभर के छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक संसाधनों तक सुलभ पहुंच मिलेगी, जिससे उनकी शिक्षा के स्तर में सुधार होगा। विशेषकर उन छात्रों के लिए यह योजना फायदेमंद साबित होगी, जो टियर-2 और टियर-3 शहरों में रहते हैं और महंगे शैक्षिक संसाधनों से वंचित रहते हैं।
आगे का रास्ता
दूसरे चरण में योजना का विस्तार किया जाएगा, जिससे पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के साझेदारी से इस योजना को और भी प्रभावी बनाया जाएगा। यह कदम शोधकर्ताओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा, क्योंकि उन्हें बेहतर और अद्यतन जानकारी का लाभ मिलेगा, जो उनके शोध कार्यों को नया मोड़ दे सकता है।
कुल मिलाकर, वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) योजना से भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है, जो न केवल छात्रों की पढ़ाई को सशक्त बनाएगा, बल्कि देश के समग्र शैक्षिक और शोध कार्यों को भी एक नई दिशा देगा।
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