उत्तर प्रदेश,04 जनवरी: निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी ने मछुआ समाज को उचित सम्मान और आरक्षण का लाभ नहीं दिया, जिससे समाज की नाराजगी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि मछुआ समाज के साथ हुई उपेक्षा के कारण 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा है। डा. निषाद का यह बयान शुक्रवार को कोटवा स्थित सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान आया।
भाजपा से नाराजगी और हार का कारण
डा. संजय निषाद ने स्पष्ट तौर पर कहा कि भाजपा न तो निषाद पार्टी को सीट दे रही है और न ही चुनाव चिन्ह (सिंबल) दे रही है, जिसके कारण उनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने विशेष रूप से संत कबीर नगर में प्रवीण निषाद की हार का जिक्र किया और कहा कि भाजपा के ही कुछ लोगों ने इस हार में भूमिका निभाई थी, लेकिन अब तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उन्होंने भाजपा से यह भी कहा कि मछुआ समाज को आरक्षण का लाभ दिलाना होगा, अन्यथा 2027 में इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा। उनका मानना है कि मछुआ समाज 2024 के चुनाव में विपक्षी गठबंधन के साथ चला गया था, जिसका परिणाम भाजपा को उत्तर प्रदेश की 43 लोकसभा सीटों पर हार के रूप में मिला।
कैबिनेट मंत्री आशीष निषाद के बगावती तेवर का समर्थन
कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद ने अपने पार्टी के सहयोगी और मंत्री आशीष निषाद के बगावती तेवर का समर्थन करते हुए कहा कि कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो सरकार की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये अधिकारी जानबूझकर ऐसा काम कर रहे हैं जिससे जनता और सहयोगी दलों के नेता नाराज हो जाएं।
अतरौलिया सीट पर चुनावी रणनीति
अतरौलिया विधानसभा सीट के बारे में पूछे गए सवाल पर डा. निषाद ने कहा कि उनकी पार्टी को वहां सबसे ज्यादा मत प्राप्त हुए थे और इस बार भी वे अतरौलिया सीट से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) की नजर भी इस सीट पर है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अच्छे मार्गदर्शक हैं, लेकिन कुछ अधिकारी सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनका आरोप है कि ये अधिकारी भाजपा और सरकार के खिलाफ काम कर रहे हैं, जिससे विपक्ष को लाभ मिल रहा है।
संभल हिंसा पर प्रतिक्रिया
संभल हिंसा को लेकर डा. संजय निषाद ने कहा कि यह मामला जांच का विषय है और जल्द ही दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सर्वे की प्रक्रिया पुरातत्व विभाग कर रहा है, जिसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है।
2027 के चुनाव को लेकर आगाह
अंत में, डा. निषाद ने भाजपा को आगाह किया कि निषाद पार्टी भाजपा से नाराज नहीं है, लेकिन उनका मछुआ समाज नाराज है। यदि उसकी नाराजगी को दूर नहीं किया गया तो यह समाज 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को एक कड़ा संदेश देगा।
यह बयान निषाद पार्टी और भाजपा के बीच की राजनीतिक स्थिति को लेकर महत्वपूर्ण संकेत देता है। डा. संजय निषाद ने मछुआ समाज के प्रति भाजपा की उपेक्षा को लेकर पार्टी को चेतावनी दी है कि अगर उसे नजरअंदाज किया गया, तो 2027 के चुनाव में इसका गंभीर असर हो सकता है।