एबीवीपी का 64वां राज्य सम्मेलन सुल्तानपुर में संपन्न, चार प्रमुख प्रस्ताव पारित

भा.ज.पा. की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का 64वां राज्य सम्मेलन शनिवार को सुल्तानपुर में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें शिक्षा में व्यावसायीकरण और अनैतिक प्रथाओं पर रोक लगाने का प्रस्ताव प्रमुख रहा। सम्मेलन में लगभग 1,200 छात्र और शिक्षक स्वयंसेवकों ने भाग लिया, जिनमें से अधिकांश काशी क्षेत्र के थे।

Dec 29, 2024 - 13:20
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एबीवीपी का 64वां राज्य सम्मेलन सुल्तानपुर में संपन्न, चार प्रमुख प्रस्ताव पारित

सुल्तानपुर, 29 दिसंबर: भा.ज.पा. की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 64वां राज्य सम्मेलन शनिवार को सुल्तानपुर में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें शिक्षा में व्यावसायीकरण और अनैतिक प्रथाओं पर रोक लगाने का प्रस्ताव प्रमुख रहा। सम्मेलन में लगभग 1,200 छात्र और शिक्षक स्वयंसेवकों ने भाग लिया, जिनमें से अधिकांश काशी क्षेत्र के थे।

अभाविप काशी प्रांत का 64वाँ प्रांत अधिवेशन कुशभवनपुर में उत्तर प्रदेश सरकार की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमति रजनी तिवारी, अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. @DrRajSharan, प्रांत प्रचारक श्री रमेश जी, राष्ट्रीय मंत्री @AnkitSBharat और पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री @iGhanshyamShahi की उपस्थिति में संपन्न हुआ। 


चार प्रमुख प्रस्ताव पारित

इस चार दिवसीय सम्मेलन के दौरान एबीवीपी ने चार प्रमुख प्रस्तावों पर चर्चा की और इन्हें पारित किया। पहले प्रस्ताव में शिक्षा के क्षेत्र में कोचिंग संस्थानों द्वारा किए जा रहे व्यावसायीकरण और अनैतिक प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाने की बात की गई। प्रस्ताव में कहा गया कि कोचिंग संस्थानों के बढ़ते दबाव और उच्च फीस की वजह से छात्रों पर अत्यधिक मानसिक दबाव बनता है और यह शिक्षा के उद्देश्य के खिलाफ है।

दूसरे प्रस्ताव में शैक्षणिक परिसरों को पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों के लिए केंद्र बनाने की बात की गई। एबीवीपी का मानना है कि शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है, ताकि वे अपने भविष्य और देश के लिए जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

तीसरे प्रस्ताव में महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया। इसमें धार्मिक आयोजन के दौरान सुरक्षा, साफ-सफाई और अन्य आवश्यक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए एबीवीपी की ओर से योगदान की बात कही गई। यह प्रस्ताव महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक सकारात्मक और स्वागतपूर्ण वातावरण बनाने पर जोर देता है।

नई कार्यकारी समिति का गठन

सम्मेलन के दौरान एबीवीपी ने अपनी नई कार्यकारी समिति का गठन भी किया। समिति में विभिन्न राज्यों और विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं, जो एबीवीपी के विचारधारा और कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।

सुल्तानपुर का ऐतिहासिक महत्व

इस सम्मेलन को एबीवीपी ने सुल्तानपुर को 'कुशभवनपुर' के नाम से संदर्भित किया, जो भगवान राम के पुत्र कुश के नाम पर रखा गया है। सम्मेलन में सुल्तानपुर को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते हुए, यहां के लोगों की भागीदारी को सराहा गया।

एबीवीपी का 64वां राज्य सम्मेलन न केवल छात्रों और शिक्षकों के बीच विचारों का आदान-प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण अवसर रहा, बल्कि इसने शिक्षा, पर्यावरण और समाजिक जागरूकता जैसे अहम मुद्दों पर गंभीर विचार विमर्श किया। यह सम्मेलन एबीवीपी के लिए भविष्य की दिशा निर्धारित करने वाला साबित हुआ, जिसमें संगठन ने अपने प्रमुख मुद्दों पर आवाज उठाई और अपने कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.