प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा मानकों के तहत ट्रैक्टर ट्रॉली और ट्रेलर के पंजीकरण को अनिवार्य किया, नए नियमों के तहत ट्रेलर के निर्माण में बदलाव, नई पंजीकरण प्रक्रिया से बढ़ेगी सड़क सुरक्षा

प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक अहम निर्णय लिया है। अब ट्रैक्टर ट्रॉली और ट्रेलर का पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। इन वाहनों पर एक विशिष्ट चार अंकों का पंजीयन नंबर और 17 अंकों का चेसिस नंबर भी दर्ज किया जाएगा, जिससे ट्रॉली और ट्रेलर के मालिकों का पता लगाना आसान हो जाएगा। यह कदम बिना मानकों के और अवैध रूप से चल रहे ट्रैक्टर ट्रॉली और ट्रेलर से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मददगार साबित होगा। सरकार ने इसके लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी की है।

Jan 21, 2025 - 16:17
Jan 21, 2025 - 16:21
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प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा मानकों के तहत ट्रैक्टर ट्रॉली और ट्रेलर के पंजीकरण को अनिवार्य किया, नए नियमों के तहत ट्रेलर के निर्माण में बदलाव, नई पंजीकरण प्रक्रिया से बढ़ेगी सड़क सुरक्षा
उप्र, 21 जनवरी: प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक अहम निर्णय लिया है। अब ट्रैक्टर ट्रॉली और ट्रेलर का पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। इन वाहनों पर एक विशिष्ट चार अंकों का पंजीयन नंबर और 17 अंकों का चेसिस नंबर भी दर्ज किया जाएगा, जिससे ट्रॉली और ट्रेलर के मालिकों का पता लगाना आसान हो जाएगा। यह कदम बिना मानकों के और अवैध रूप से चल रहे ट्रैक्टर ट्रॉली और ट्रेलर से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मददगार साबित होगा। सरकार ने इसके लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी की है।

ट्रेलर के लिए चार मानक तय
एआईएस 112 के तहत कृषि कार्यों के लिए चार प्रकार के ट्रेलर मानक निर्धारित किए गए हैं। इन मानकों में आर-1, आर-2, आर-3 और आर-4 मॉडल शामिल हैं। इनमें से आर-2, आर-3 और आर-4 मॉडल के ट्रेलरों को कृषि ट्रेलर के रूप में पंजीकरण प्राप्त होगा। अब इन ट्रेलरों में एक एक्सल के बजाय दो एक्सल होंगे।
आर-2 मॉडल में चार टायर होंगे, जबकि आर-3 और आर-4 मॉडल में क्रमशः चार और आठ टायर होंगे। ट्रेलर की चौड़ाई और ऊंचाई में भी मानक तय किए गए हैं – आर-2 मॉडल की चौड़ाई 2 मीटर होगी, जबकि आर-3 और आर-4 मॉडल की चौड़ाई 2.5 मीटर तक होगी। इन ट्रेलरों की अधिकतम ऊंचाई 2.2 मीटर से अधिक नहीं होगी।

ट्रेलरों की लंबाई और सकल वाहन भार
सभी ट्रेलरों की लंबाई और सकल वाहन भार (GVW) को भी मानकों के अनुरूप तय किया गया है। आर-2 मॉडल की ट्रॉली की लंबाई 4 मीटर, आर-3 मॉडल की 5 मीटर और आर-4 मॉडल की 6.7 मीटर होगी। इसके अलावा, आर-2 मॉडल का सकल वाहन भार 6 टन, आर-3 का 6 से 9.3 टन और आर-4 का 10 से 12.56 टन तक होगा। यह भार मानक 750 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से निर्धारित किया जाएगा।

ट्रेलर बॉडी के प्रकार और सुरक्षा मानक
इस समय सड़क पर तीन प्रकार की ट्रेलर बॉडी चल रही हैं:
  • खुली बॉडी वाले ट्रेलर 
  • जल टैंकर वाले ट्रेलर
  • प्लेटफॉर्म टाइप के ट्रेलर
इन ट्रेलरों में सुरक्षा मानकों के अनुसार रियर और साइड अंडर प्रोटेक्शन डिवाइस, बैक लाइट फीटिंग, रिफ्लेक्टिव टेप और कंटूर मार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, प्रत्येक विनिर्माता को चार अंकों का निर्माता कोड प्राप्त करना होगा, जो परिवहन विभाग द्वारा आवंटित किया जाएगा।

चेसिस नंबर का नया तरीका और ट्रेलर आयु सीमा
ट्रेलर पर 17 अंकों का चेसिस नंबर अंकित किया जाएगा, जिसमें राज्य का कोड, निर्माता कोड, ट्रेलर मॉडल, टायरों की संख्या, निर्माण वर्ष और माह दर्ज होंगे। इसके अलावा, सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्थानीय निर्मित ट्रेलरों की अधिकतम आयुसीमा 15 वर्ष तय की गई है।

ट्रेलर निर्माता के लिए नए दिशानिर्देश
ट्रेलर के निर्माता और डीलरों को अब ट्रेलर के विक्रय के लिए पंजीयन अधिकारी से व्यवसाय प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा। इसके अलावा, ट्रेलर निर्माता को प्रत्येक तीन वर्ष में अपने मॉडल का उत्पादन प्रमाणपत्र (सीओपी) परिवहन आयुक्त कार्यालय से प्राप्त करना होगा।

प्रदेश सरकार के इस निर्णय से ट्रैक्टर ट्रॉली और ट्रेलर के संचालन में सुधार होगा और सड़क सुरक्षा बढ़ेगी। यह कदम न केवल दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेगा, बल्कि इन वाहनों के पंजीकरण और निर्माण को अधिक पारदर्शी और मानक के अनुरूप बनाएगा।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.