पीटीआई, 21 जनवरी: अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद, डोनाल्ड ट्रंप ने कई महत्वपूर्ण और विवादास्पद फैसले किए, जिनमें से एक अहम निर्णय अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता (Birthright Citizenship) को समाप्त करने का था। यह कदम अमेरिका में आव्रजन नीति में बड़ा बदलाव करने की दिशा में उठाया गया था, जिससे न केवल स्थानीय नागरिकों, बल्कि उन लाखों बच्चों की स्थिति भी प्रभावित हो सकती है जिनका जन्म अमेरिका में हुआ है, लेकिन उनके माता-पिता वर्क वीजा पर अमेरिका में निवास कर रहे हैं।
बाइडन सरकार के फैसलों को रद करना
डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेने के बाद बाइडन सरकार के 78 फैसलों को पलट दिया। इनमें से एक महत्वपूर्ण फैसला अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से बाहर निकालने और छह जनवरी 2021 को कैपिटल हिल पर हुए हमले के दोषियों को माफी देने का था। इन फैसलों ने ट्रंप के प्रशासन की दिशा और नीति को स्पष्ट किया, जो उनके कार्यकाल के दौरान प्रवास और नागरिकता से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित था।
जन्मसिद्ध नागरिकता पर बड़ा फैसला
ट्रंप प्रशासन ने निर्णय लिया कि अमेरिका में जन्मे बच्चों को केवल तभी नागरिकता दी जाएगी, जब उनके माता-पिता में से कोई एक अमेरिकी नागरिक हो या उनके पास ग्रीन कार्ड हो। यह आदेश अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन को बदलने का संकेत था, जिसमें यह प्रावधान था कि अमेरिका की धरती पर पैदा हुआ हर बच्चा अमेरिकी नागरिक माना जाएगा।
बर्थ टूरिजम की समस्या
ट्रंप का यह कदम बर्थ टूरिजम (Birth Tourism) पर रोक लगाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। बर्थ टूरिजम वह प्रक्रिया है, जिसमें विदेशी नागरिक अपने बच्चों को अमेरिका में जन्म देने के लिए भेजते हैं, ताकि उनका बच्चा अमेरिकी नागरिक बने। अमेरिकी संविधान का यह प्रावधान कई देशों के नागरिकों, खासकर भारतीय और चीनी नागरिकों, के लिए एक आकर्षण बन चुका था।
भारतीय और चीनी नागरिकों पर असर
इस फैसले का विशेष असर भारत और चीन से अमेरिका में काम करने वाले पेशेवरों पर पड़ने वाला है। अमेरिका में लगभग 48 लाख भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा H-1B वीजा पर काम कर रहा है। ट्रंप का यह कदम उन भारतीय परिवारों के लिए एक चुनौती बन सकता है, जिनके बच्चे अमेरिका में जन्मे थे और जिनकी नागरिकता अब खतरे में पड़ सकती है। इसके अलावा, यह नीति उन परिवारों के लिए भी समस्याएँ उत्पन्न कर सकती है, जो अपने बच्चों के लिए अमेरिका में जन्म सिद्ध नागरिकता की उम्मीद रखते हैं।
अमेरिकी आव्रजन नीति में बदलाव की दिशा
ट्रंप का यह कदम अमेरिकी आव्रजन नीति को और भी सख्त बना सकता है। इससे भविष्य में अमेरिका में जन्मे बच्चों की नागरिकता की शर्तें और भी कड़ी हो सकती हैं, और यह बच्चों के परिवारों के लिए एक नया जटिल मुद्दा उत्पन्न कर सकता है। साथ ही, यह कदम वैश्विक स्तर पर भी एक संदेश भेजेगा कि अमेरिका अपनी आव्रजन नीति को अधिक सख्त बनाने के पक्ष में है।
डोनाल्ड ट्रंप का यह निर्णय अमेरिकी नागरिकता कानून में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जो अमेरिकी समाज और वैश्विक प्रवासन पर प्रभाव डाल सकता है। विशेषकर भारत और चीन जैसे देशों से आने वाले पेशेवरों और उनके परिवारों के लिए यह निर्णय कई नई समस्याओं का कारण बन सकता है। ट्रंप प्रशासन का यह कदम अमेरिकी समाज में आव्रजन और नागरिकता को लेकर नई बहस और चुनौती को जन्म दे सकता है।