मायावती नेअमित शाह को अंबेडकर पर टिप्पणी वापस लेने को की अपील
सपा प्रमुख ने अमित शाह से की अपील, मायावती ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि वह अंबेडकर पर अपनी हालिया टिप्पणी वापस लें। मायावती ने आरोप लगाया कि शाह की टिप्पणी ने दलित समाज की गरिमा को नुकसान पहुंचाया और उनके अनुयायियों को ठेस पहुंची है।
लखनऊ-उत्तर प्रदेश, 19 दिसंबर: सपा प्रमुख ने अमित शाह से की अपील, मायावती ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि वह अंबेडकर पर अपनी हालिया टिप्पणी वापस लें। मायावती ने आरोप लगाया कि शाह की टिप्पणी ने दलित समाज की गरिमा को नुकसान पहुंचाया और उनके अनुयायियों को ठेस पहुंची है।
क्या था अमित शाह का बयान?
इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बी आर अंबेडकर को लेकर एक बयान दिया था, जिसे लेकर भाजपा और विपक्षी दलों के बीच विवाद खड़ा हो गया। शाह ने अंबेडकर के योगदान पर चर्चा करते हुए कुछ टिप्पणियां कीं, जो विपक्षी दलों को आपत्तिजनक लगीं। विपक्षी दलों ने इसे अंबेडकर की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया और इसकी कड़ी आलोचना की।
मायावती की प्रतिक्रिया
मायावती ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अंबेडकर पर अपनी टिप्पणी वापस लेनी चाहिए। इस बयान से न केवल अंबेडकर की गरिमा को ठेस पहुंची है, बल्कि उनके करोड़ों अनुयायियों की भावनाओं को भी आघात पहुंचा है।" मायावती का यह बयान विपक्षी दलों की बढ़ती नाराजगी को ध्यान में रखते हुए आया है, जो शाह के बयान को अनुचित मानते हैं।
राजनीतिक माहौल में बढ़ती खटास
बसपा प्रमुख ने इस बयान में स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी न तो भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है और न ही इंडिया ब्लॉक के साथ गठबंधन में है, जिसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी गुट शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा और विपक्ष दोनों ही अंबेडकर के योगदान और उनकी विचारधारा के प्रति गंभीर होनी चाहिए।
विपक्षी प्रतिक्रिया
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, और अन्य विपक्षी दलों ने शाह की टिप्पणी की आलोचना की है, और इसे अंबेडकर के अनुयायियों के खिलाफ हमला माना है। भाजपा की ओर से शाह का बचाव किया गया है, लेकिन राजनीतिक माहौल में तनाव बरकरार है।
दलितों की भावना का ख्याल रखना जरूरी
मायावती ने यह भी कहा कि राजनीतिक बयानबाजी में दलित समुदाय की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए और किसी भी बयान से उनके सम्मान को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए। यह बयान समाज के संवेदनशील वर्ग के लिए महत्वपूर्ण है और दलित अधिकारों को लेकर हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता को दर्शाता है।
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