समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान का विरोध: अंबेडकर की प्रतिमा के सामने धरना
उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान निष्कासित समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान ने गुरुवार को हजरतगंज इलाके में भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा के सामने धरना दिया। प्रधान ने यह धरना विधानसभा में उनके साथ हुए व्यवहार और देश में चल रही राजनीतिक घटनाओं के खिलाफ जताया।
लखनऊ-उत्तर प्रदेश, 19 दिसंबर: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान निष्कासित समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान ने गुरुवार को हजरतगंज इलाके में भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा के सामने धरना दिया। प्रधान ने यह धरना विधानसभा में उनके साथ हुए व्यवहार और देश में चल रही राजनीतिक घटनाओं के खिलाफ जताया।
अंबेडकर की विचारधारा का समर्थन, विरोध की वजह
अतुल प्रधान ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, "देश में लोकसभा और विधानसभा में जो कुछ हो रहा है, वह डॉ. अंबेडकर की विचारधारा के खिलाफ है। मैं पार्टी कार्यालय से साइकिल पर यहां आया हूं और डॉ. अंबेडकर द्वारा दिए गए संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ जो हो रहा है, उसके विरोध में धरने पर बैठ गया हूं।" प्रधान ने हाथ में अंबेडकर की तस्वीर पकड़ी हुई थी और यह विरोध उनके विचारों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक तरीका था।
सांकेतिक विरोध: विधानसभा में घटित घटनाओं के खिलाफ प्रदर्शन
प्रधान ने यह भी कहा कि उनका यह विरोध विधानसभा में बुधवार को उनके साथ हुई घटनाओं के खिलाफ था। उनका कहना था कि विधानसभा सत्र के दौरान उनके साथ जो हुआ, उससे वह आहत हैं और इसे लेकर उन्होंने यह सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया है। उनका मानना है कि अंबेडकर के सिद्धांतों के खिलाफ सरकार की नीतियां और कार्यप्रणाली हैं, जिन्हें वह सही नहीं मानते।
समाजवादी पार्टी और राजनीतिक विरोध
प्रधान की यह कार्रवाई एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश है, जिसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी व्यक्त किया। इस विरोध ने प्रदेश में राजनीति का नया मोड़ लिया है, जहां विपक्षी नेताओं ने इस प्रकार के विरोधों को लोकतांत्रिक अधिकारों के बचाव के रूप में देखा है।
विपक्ष और सरकार के बीच बढ़ता तनाव
अतुल प्रधान का यह धरना उत्तर प्रदेश की राजनीति में सरकार और विपक्ष के बीच बढ़ते तनाव का प्रतीक बन गया है। सपा के विधायक ने स्पष्ट रूप से अपनी पार्टी और अंबेडकर की विचारधारा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाई।
निष्कासन पर सवाल उठाए, विरोध जारी रखने की घोषणा
अतुल प्रधान ने विधानसभा से निष्कासन के फैसले पर भी सवाल उठाया और इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया। उन्होंने साफ किया कि उनका विरोध जारी रहेगा और वह संविधान और अंबेडकर की विचारधारा की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहेंगे।
अंबेडकर की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता
अतुल प्रधान का यह विरोध प्रदर्शन संविधान और अंबेडकर की विचारधारा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह घटना उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ती है, जिसमें विपक्षी नेताओं ने सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है।
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