मेरठ रोड पर छोड़ी गई सात माह की बच्ची: परिजनों की तलाश जारी
बृहस्पतिवार सुबह मेरठ रोड स्थित रोडवेज बस अड्डे के पास एक दुकान के पास सात माह की बच्ची रोते हुए पाई गई। ठंड से कांपती हुई और आंखों से आंसू बहाती बच्ची ने स्थानीय लोगों को चिंतित कर दिया। बच्ची की रोने की आवाज सुनकर पास-पड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे और उसे देखा तो वे भावुक हो गए। ठंड से ठिठुरती बच्ची के शरीर पर गर्म कपड़े थे, साथ ही उसे ढकने के लिए कंबल और रजाई भी रखी गई थी। बावजूद इसके, बच्ची ठंड से कांप रही थी।
मेरठ, 3 जनवरी: बृहस्पतिवार सुबह मेरठ रोड स्थित रोडवेज बस अड्डे के पास एक दुकान के पास सात माह की बच्ची रोते हुए पाई गई। ठंड से कांपती हुई और आंखों से आंसू बहाती बच्ची ने स्थानीय लोगों को चिंतित कर दिया। बच्ची की रोने की आवाज सुनकर पास-पड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे और उसे देखा तो वे भावुक हो गए। ठंड से ठिठुरती बच्ची के शरीर पर गर्म कपड़े थे, साथ ही उसे ढकने के लिए कंबल और रजाई भी रखी गई थी। बावजूद इसके, बच्ची ठंड से कांप रही थी।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और बाल कल्याण समिति की टीम मौके पर पहुंची। बच्ची को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। बाल कल्याण समिति ने जानकारी दी कि बच्ची को 24 घंटे तक अस्पताल में रखा जाएगा और इस दौरान उसकी देखभाल की जाएगी। बच्ची के माता-पिता के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। अगर परिजनों का पता नहीं चलता, तो बच्ची को रामपुर स्थित बाल आश्रम में भेजा जाएगा।
कंबल और रजाई से बचाने की कोशिश, फिर भी कंपकंपी
स्थानीय लोगों ने बताया कि बच्ची के साथ कंबल और रजाई भी रखी गई थी, ताकि उसे ठंड से बचाया जा सके। लेकिन, बच्ची के शरीर की हालत देखकर यह साफ था कि वह काफी समय से ठंड में पड़ी हुई थी और पूरी तरह से कांप रही थी। कुछ लोग यह अनुमान भी लगा रहे थे कि शायद माता-पिता ने उसे जानबूझकर वहां छोड़ दिया है, क्योंकि बच्ची को छोड़ने का तरीका किसी हद तक जानबूझकर किया गया प्रतीत हो रहा था। हालांकि, इसकी पुष्टि बच्ची के परिजनों के मिलने के बाद ही हो सकेगी।
लोगों ने पुलिस को दी सूचना, परिजनों का पता लगाने की कोशिश
स्थानीय लोगों ने बिना देर किए पुलिस को सूचना दी और बच्ची को कपड़ों से ढक दिया। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर आसपास के लोगों से जानकारी जुटाई और बच्ची के माता-पिता के बारे में पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इस दौरान, बाल कल्याण समिति की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई और बच्ची की देखभाल शुरू कर दी।
बाल कल्याण समिति ने किया परिजनों की तलाश का दावा
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अभिषेक त्यागी ने बताया कि बच्ची को 24 घंटे के लिए अस्पताल में रखा जाएगा, ताकि उसकी पूरी जांच की जा सके। इसके साथ ही परिजनों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। अगर बच्ची के परिजनों का पता नहीं चलता है, तो उसे रामपुर स्थित बाल आश्रम में भेज दिया जाएगा।
माता-पिता की लापरवाही पर सवाल उठे
स्थानीय लोगों और पुलिस अधिकारियों ने माना कि जिस तरह से बच्ची को गर्म कपड़े पहनाए गए थे और कंबल व रजाई की व्यवस्था की गई थी, उससे ऐसा लगता है कि माता-पिता ने उसे जानबूझकर छोड़ दिया था। यदि ऐसा है, तो यह कृत्य एक शर्मनाक घटना है और माता-पिता के रिश्ते को कलंकित करता है। हालांकि, पुलिस ने कहा कि फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि बच्ची को जानबूझकर छोड़ा गया था या नहीं, लेकिन मामले की गहन जांच की जा रही है।
यह घटना न केवल मानवता के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है, बल्कि यह भी बताती है कि हमारे समाज में अनदेखी की जा रही हैं, जो ऐसे मासूम बच्चों के भविष्य को दांव पर लगाती हैं।
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