अयोध्या, 18 जनवरी: राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद से अयोध्या में परिवर्तन की लहर दौड़ पड़ी है। जहां पहले प्रतिदिन चार से पांच हजार श्रद्धालु अयोध्या में दर्शन के लिए आते थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर हर दिन डेढ़ से दो लाख तक पहुंच गई है। राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ अयोध्या में पर्यटन और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय बदलाव हुआ है। रामलला के दर्शन करने के लिए अब देश-विदेश से लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय व्यापार और रोजगार में तेजी से वृद्धि हुई है।
राम मंदिर के निर्माण से अयोध्या की आस्था और अर्थव्यवस्था में हुआ उभार
राम मंदिर के निर्माण ने न केवल अयोध्या की आस्था को समृद्ध किया है, बल्कि यह शहर अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी उभरा है। रामलला के आशीर्वाद से हर दिन श्रद्धालु अपने घर-परिवार के साथ अयोध्या पहुंचते हैं और धार्मिक स्थलों के दर्शन करने के साथ-साथ यहां के पौराणिक सौंदर्य का भी आनंद लेते हैं। राम मंदिर के उद्घाटन के बाद, अयोध्या के धार्मिक स्थलों का भी पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण हुआ है, जिससे पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।
पर्यटकों की संख्या में दस गुना वृद्धि
राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में पर्यटकों की संख्या दस गुना बढ़ गई है। पहले जहां अयोध्या में सालाना लगभग 1.5 से 2 करोड़ श्रद्धालु आते थे, अब यह संख्या बढ़कर 12-13 करोड़ तक पहुंच चुकी है। पर्यटन विभाग के उप निदेशक राजेंद्र प्रसाद यादव के अनुसार, 2024 में अयोध्या में लगभग 13 करोड़ पर्यटकों ने दर्शन किए थे और आने वाले वर्षों में यह संख्या बढ़कर 15 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
होटल और रेस्टोरेंट्स में वृद्धि से अर्थव्यवस्था को लाभ
अयोध्या में पर्यटन की बढ़ती मांग के कारण होटलों और रेस्टोरेंट्स का कारोबार भी तेज़ी से बढ़ा है। अब शहर में लगभग 65 पंजीकृत होटल और 1056 पंजीकृत होम स्टे हैं। इसके अलावा, रैडिसन, मैरिएट, ओबेरॉय, ताज जैसे बड़े होटल समूहों ने भी यहां अपनी शाखाएं खोल ली हैं। ये बड़े होटल प्रति दिन लाखों का कारोबार कर रहे हैं, और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बना रहे हैं। होटल व्यवसाय में वृद्धि से रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं, जिससे स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से फायदा हो रहा है।
दीपोत्सव ने अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से हर साल दीपावली से एक दिन पहले अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में लाखों दीये प्रज्वलित किए जाते हैं, जो रामनगरी को एक जादुई रूप में बदल देते हैं। पिछले वर्ष अयोध्या में 25 लाख से अधिक दीये जलाए गए, जो एक नया रिकॉर्ड था। दीपोत्सव की भव्यता ने अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है और यहां पर्यटन को प्रोत्साहित किया है।
अयोध्या में आने वाले समय में बदलाव की उम्मीद
राम मंदिर का निर्माण और पर्यटन विकास की योजनाओं का अयोध्या की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री प्रो. आशुतोष कुमार सिन्हा मानते हैं कि आने वाले पांच वर्षों में जब अयोध्या में विभिन्न विकास परियोजनाएं पूरी होंगी, तो यहां पर्यटकों की संख्या और भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अभी पर्यटक आ रहे हैं लेकिन ठहरने की व्यवस्था नहीं हो पाई है, लेकिन जैसे-जैसे होटल और अन्य सुविधाएं बढ़ेंगी, अयोध्या में पर्यटन का कारोबार और अधिक सुदृढ़ होगा।
निवेश और रोजगार में बढ़ोतरी का अवसर
अयोध्या में पर्यटन के साथ-साथ निवेश की संभावना भी बढ़ी है। मंदिर के पूर्ण रूप से उद्घाटन होने के बाद, अयोध्या में वाणिज्यिक गतिविधियां भी बढ़ने की संभावना है, जिससे स्थानीय लोगों के लिए और अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। प्रदेश सरकार ने विभिन्न पर्यटन स्थलों के विकास के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिनका उद्देश्य अयोध्या को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
राम मंदिर के निर्माण ने अयोध्या को न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बना दिया है। अब अयोध्या देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार हो चुका है और आने वाले समय में यह शहर महानगरों का मुकाबला करने की स्थिति में होगा। राम मंदिर का उद्घाटन और अयोध्या के अन्य धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण, इस शहर की समृद्धि और विकास का कारण बनेगा।