आयुष्मान भारत योजना के तहत दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार: नई सरकार के लिए रास्ता साफ
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत दो बड़ी स्वास्थ्य योजनाओं की लागू होने की प्रक्रिया को हरी झंडी मिल गई है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन योजना (पीएम-एबीएचआइएम) अब दिल्ली में लागू की जाएंगी, जिससे स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिल्लीवासियों को मिलेगा।

दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत दो बड़ी स्वास्थ्य योजनाओं की लागू होने की प्रक्रिया को हरी झंडी मिल गई है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन योजना (पीएम-एबीएचआइएम) अब दिल्ली में लागू की जाएंगी, जिससे स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिल्लीवासियों को मिलेगा।
दिल्ली के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मिलेगा मजबूती
नई सरकार की पहल से दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं का बुनियादी ढांचा और भी मजबूत होगा। इसके अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए जाएंगे, जो दिल्ली में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से खोले जाएंगे। इस योजना के तहत, गरीबों और 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा। कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों को देखते हुए यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है।
2,406 करोड़ रुपये की लागत और विस्तार की योजना
केंद्र सरकार ने 2021 में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन योजना (पीएम-एबीएचआइएम) की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य देशभर में स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूती देना है। दिल्ली में इस योजना के तहत 2,406 करोड़ रुपये की लागत से 1,139 शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर), 11 जिला एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब और दस क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनाने का प्रस्ताव था। बाद में केंद्र सरकार ने इन वेलनेस सेंटरों का नाम बदलकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर रखने का निर्णय लिया है।
आम आदमी पार्टी सरकार का विरोध और मोहल्ला क्लीनिक का मुद्दा
दिल्ली में इस योजना को लागू नहीं होने देने की जिम्मेदारी आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर रही थी। AAP सरकार ने इस योजना की स्वीकृति नहीं दी, जिसके कारण इसे दिल्ली में लागू नहीं किया जा सका था। दिल्ली सरकार का ध्यान मोहल्ला क्लीनिकों की स्थापना पर था। हालांकि, दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिकों की स्थिति संतोषजनक नहीं रही है। 1,000 मोहल्ला क्लीनिकों की घोषणा की गई थी, लेकिन लगभग 10 साल में सिर्फ 545 मोहल्ला क्लीनिक ही स्थापित हो पाए, जिनमें से कई अभी भी बंद हैं। इसके साथ ही मोहल्ला क्लीनिकों में भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आए हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग ने पीएम-एबीएचआइएम योजना को लागू करने की सिफारिश की थी।
अब स्वास्थ्य सेवाओं की राह में कोई रुकावट नहीं
नई सरकार के सत्ता में आने के बाद, इन दोनों योजनाओं को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि इन योजनाओं के लागू होने से दिल्ली के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव होगा। इसके तहत 1,139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए जाएंगे, जो स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाएंगे। यह कदम खासतौर पर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो पहले स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रहते थे।
स्वास्थ्य सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
इन योजनाओं के लागू होने से दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के साथ-साथ लोगों को बेहतर इलाज और स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा। पीएम-एबीएचआइएम योजना के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा, जिससे दिल्लीवासियों की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। यह कदम दिल्ली के स्वास्थ्य क्षेत्र को और भी सशक्त बनाएगा।
मुख्य बिंदु:
- आयुष्मान भारत योजना के तहत दिल्ली में पीएमजेएवाई और पीएम-एबीएचआइएम योजनाओं का लागू होना।
- आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निर्माण और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार।
- दिल्ली में प्राथमिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार का कदम।
- मोहल्ला क्लीनिकों के मुकाबले आयुष्मान भारत योजना का महत्व।
- दिल्ली सरकार की ओर से इस योजना को पहले विरोध करने के बाद अब इसे लागू करने का रास्ता साफ होना।
- यह स्वास्थ्य योजनाओं का विस्तार न केवल दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करेगा, बल्कि यह देश के बाकी हिस्सों के लिए भी एक आदर्श स्थापित करेगा।
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