वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट 2025 पेश किया, जाने विपक्ष की राय....
शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में भारत का केंद्रीय बजट 2025 पेश किया, जिसे लेकर विभिन्न नेताओं और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और उसके सहयोगी दलों के नेता बजट को ऐतिहासिक बता रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे खोखले दावों वाला और केवल चुनावी राजनीति के लिए तैयार किया गया बजट मानता है।

योगी आदित्यनाथ ने किया स्वागत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर केंद्रीय बजट 2025 के लिए मोदी सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह बजट विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के रूप में मील का पत्थर साबित होगा। योगी ने विशेष रूप से किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने के निर्णय की सराहना की। इसके अलावा, युवाओं के सशक्तिकरण के लिए 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑफ स्किलिंग' और 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन AI फॉर एजुकेशन' की स्थापना को स्वागत योग्य बताया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बजट में बिहार के लिए किए गए घोषणाओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह बजट बिहार के विकास में और गति लाएगा। उन्होंने विशेष रूप से गरीबों, युवाओं और किसानों के हित में उठाए गए कदमों को सराहा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का धन्यवाद दिया।
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने इस बजट को “गोली के घाव पर पट्टी लगाने जैसा” करार दिया। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बजट को विकास का इंजन पटरी से उतरने जैसा बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में चुनाव होने के कारण वहां के लिए योजनाओं की घोषणाएं की गई हैं, जो केवल चुनावी लाभ के लिए हैं। मनीष तिवारी ने भी निशाना साधते हुए कहा कि यह बजट बिहार सरकार का बजट लगता है, न कि भारत सरकार का। कार्ति चिदंबरम ने कहा कि पिछले बजट में किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं और चुनावों के दौरान ही राज्यों को विशेष प्राथमिकता दी जाती है।
शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि बजट में केवल बिहार का ही जिक्र है और पंजाब के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने इसे किसान विरोधी बजट बताते हुए कहा कि किसानों के लिए बजट में कुछ भी नहीं है।
टीएमसी के सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी इस बजट पर आक्षेप किया, विशेष रूप से बिहार के लिए किए गए घोषणाओं पर। उन्होंने कहा कि यह बजट आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है, और यह पूरी तरह से बिहार को समर्पित है क्योंकि वहां चुनाव होने वाले हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट पेश किए जाने के दौरान उत्तर प्रदेश के कुंभ मेला स्थल पर मची भगदड़ में मारे गए लोगों के आंकड़ों की मांग की। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इन मौतों के आंकड़ों को झूठा पेश कर रही है और यह आंकड़ा बजट से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने इस बजट को भाजपा सरकार और कांग्रेस की तरह राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि अगर यह बजट जनता के हित में था, तो इस सरकार के तहत लोगों का जीवन लगातार तंग और दुखी क्यों है।
इस बजट में सरकार ने किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की, जिनमें कृषि ऋण सीमा में वृद्धि, और कृषि के लिए नई योजनाओं का एलान शामिल है। युवाओं के लिए कौशल विकास और शिक्षा में नवाचार के लिए केंद्रों की स्थापना की योजना बनाई गई है। साथ ही, बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने और राज्यों के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा भी की गई है।
What's Your Reaction?






