श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण राम मंदिर में दर्शन की अवधि बढ़ी, देर रात तक हो रहा दर्शन
राम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला अब पहले से दोगुना भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ के पलट प्रवाह ने राम मंदिर की दिनचर्या में बड़ा बदलाव किया है, जिसके चलते दर्शन की अवधि भी बढ़ानी पड़ी है। मंदिर की पहले निर्धारित दर्शन समयावधि का पालन अब संभव नहीं हो पा रहा है, और श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण मंदिर को मध्यरात्रि तक खोलने की आवश्यकता पड़ रही है।

श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एक अक्टूबर 2024 से रामलला के दर्शन की निर्धारित समयावधि तय की थी। पहले मंदिर का पट सुबह सात बजे खुलता था और रात 9 बजे बंद हो जाता था। लेकिन 11 जनवरी को मंदिर की वर्षगांठ और प्रयागराज महाकुंभ के प्रारंभ के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में अचानक वृद्धि हुई। 22 जनवरी और 26 जनवरी से भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ने लगी, जिससे मंदिर की दिनचर्या प्रभावित होने लगी।
दर्शन की समयावधि बढ़ाई गई
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण ट्रस्ट ने फरवरी के पहले सप्ताह में एक विज्ञप्ति जारी कर दर्शन की समयावधि को बढ़ाकर 17 घंटे कर दिया। पहले मंदिर सुबह पांच बजे खोला जाता था और रात दस बजे बंद होता था, लेकिन अब यह समय बढ़ाकर रात 12 बजे तक कर दिया गया है।
रात 12 बजे तक खुला रहता है मंदिर
सूत्रों के अनुसार, पिछले पखवारे में शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब मंदिर 12 बजे से पहले बंद हुआ हो। दर्शन की समयावधि 19 घंटे तक हो गई है। रात्रि के समय में रामजन्मभूमि पथ पर दर्शनार्थियों का दबाव काफी बढ़ जाता है, जिसके कारण मंदिर के दरवाजे साढ़े 11 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं और 12 बजे तक दर्शन कराया जाता है।
ट्रस्ट के समन्वय से देर रात तक जारी रहता है दर्शन
रामलला के दर्शन के लिए हर दिन भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ट्रस्ट ने समन्वय स्थापित किया है, जिससे भक्तों को रात के समय भी दर्शन का मौका मिल सके। गुरुवार को भी मंदिर रात 12:10 बजे तक खुला रहा।
रामलला की सुख-सुविधाओं का ध्यान रखना आवश्यक
जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य ने इस विषय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दर्शनार्थियों की संख्या के आगे मंदिर के नियम व सिद्धांत नहीं बदले जाते। उन्होंने कहा कि अगर रामलला बालक स्वरूप में विराजमान हैं, तो उनकी सुख-सुविधाओं का पूरा ध्यान रखना आवश्यक है, ताकि उनकी पूजा व दर्शन सही रूप से हो सकें।
राम मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, और इसके परिणामस्वरूप दर्शन की समयावधि को बढ़ाना पड़ा है। ट्रस्ट अब दिन-रात बिना रुकावट के दर्शन करवा रहा है, जिससे भक्तों को अधिक से अधिक अवसर मिल रहा है। हालांकि, यह भी आवश्यक है कि रामलला की सुख-सुविधाओं का ध्यान रखा जाए और दर्शन का क्रम भी व्यवस्थित और संतुलित रहे।
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