10 मार्च तक अगर नहीं किया ये काम तो राज्य कर्मचारियों का रुक सकता है वेतन

प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज करने की अंतिम तिथि को 28 फरवरी से बढ़ाकर 10 मार्च, 2025 कर दिया है। यह कदम राज्य के कर्मचारियों को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है। अब तक 85 प्रतिशत कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन दर्ज कर चुके हैं, लेकिन कई कर्मियों को विवरण देने में समय लगने के कारण समयसीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया गया।

Feb 28, 2025 - 11:11
Feb 28, 2025 - 11:13
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10 मार्च तक अगर नहीं किया ये काम तो राज्य कर्मचारियों का रुक सकता है वेतन
संपत्ति का विवरण देने की समय सीमा बढ़ी
उत्तर प्रदेश: प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज करने की अंतिम तिथि को 28 फरवरी से बढ़ाकर 10 मार्च, 2025 कर दिया है। यह कदम राज्य के कर्मचारियों को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है। अब तक 85 प्रतिशत कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन दर्ज कर चुके हैं, लेकिन कई कर्मियों को विवरण देने में समय लगने के कारण समयसीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया गया।

7 लाख से अधिक कर्मचारियों ने संपत्ति का विवरण दर्ज किया
अब तक प्रदेश के 7,08,588 राज्य कर्मचारियों ने संपत्तियों की जानकारी ऑनलाइन जमा कर दी है, जो कुल कर्मचारियों का 85 प्रतिशत है। इस समय सीमा के बढ़ने से कर्मचारियों को अतिरिक्त समय मिलेगा ताकि वे अपनी संपत्तियों का ब्योरा ठीक से दे सकें। हालांकि, अगर कोई कर्मचारी 10 मार्च तक जानकारी नहीं देता है, तो उनका मार्च 2025 का वेतन अप्रैल में जारी नहीं किया जाएगा।

अप्रैल में मिलेगा मार्च का वेतन
कुलदीप रस्तोगी, कार्मिक विभाग के विशेष सचिव ने इस शासनादेश को गुरुवार को जारी किया। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केवल वे कर्मचारी जिन्होंने तय समय में संपत्तियों का विवरण दर्ज किया है, उन्हें ही मार्च का वेतन अप्रैल में मिलेगा। इस आदेश के तहत, वे कर्मचारी जो संपत्तियों का विवरण नहीं देंगे, उनका वेतन रोक लिया जाएगा।

संपत्तियों का विवरण देने के लिए यह कदम क्यों उठाया गया?
प्रदेश सरकार ने यह कदम भ्रष्टाचार और गलत संपत्ति विवरण की रोकथाम के उद्देश्य से उठाया है। सभी राज्य कर्मचारियों को यह आदेश दिया गया है कि वे अपनी अर्जित संपत्तियों का ब्योरा हर साल मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज करें। दिसंबर 2024 तक कर्मचारियों को अपनी संपत्तियों की जानकारी अपलोड करने के लिए कहा गया था।

समय सीमा बढ़ाने से कर्मचारियों को मिलेगी राहत
इससे पहले भी संपत्तियों का विवरण देने के लिए समयसीमा बढ़ाई गई थी, ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके। यह दूसरी बार है जब समयसीमा बढ़ाई गई है, और अब यह अंतिम अवसर दिया गया है। यदि इस बार भी कर्मचारी संपत्तियों का विवरण नहीं देंगे, तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा, और वेतन जारी करने में देरी हो सकती है।

राज्य में कुल 8,29,819 कर्मचारी
प्रदेश में कुल 8,29,819 राज्य कर्मचारी हैं। इन कर्मचारियों को हर साल संपत्तियों का विवरण देना आवश्यक होता है। मानव संपदा पोर्टल पर पंजीकरण करने के बाद हर कर्मचारी को यह विवरण ऑनलाइन दर्ज करना होता है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सरकारी कर्मचारियों के संपत्ति विवरण की पारदर्शिता और सही जानकारी सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

प्रदेश सरकार का यह कदम कर्मचारियों को उनकी संपत्तियों के बारे में जानकारी देने के लिए प्रोत्साहित करेगा। सरकार का उद्देश्य इस प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना है, ताकि किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या गलत सूचनाओं को रोका जा सके। समयसीमा में वृद्धि से कर्मचारियों को एक और मौका मिलेगा, लेकिन सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि वे समय पर जानकारी नहीं देते हैं, तो उनके वेतन में देरी हो सकती है।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.