1984 Anti-Sikh Roits: सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा, पीड़ित ने की फांसी की मांग

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे में दो सिख नागरिकों की हत्या के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सज्जन पर 1984 के सिख विरोधी दंगे में घर में घुसकर लूटपाट करने और फिर घर को आग लगाकर दो लोगों की हत्या करने का आरोप तय हुआ था।

Feb 25, 2025 - 16:03
Feb 25, 2025 - 18:57
 0  7
1984 Anti-Sikh Roits: सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा, पीड़ित ने की फांसी की मांग

डिजिटल डेस्क, लखनऊ: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे में दो सिख नागरिकों की हत्या के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सज्जन पर 1984 के सिख विरोधी दंगे में घर में घुसकर लूटपाट करने और फिर घर को आग लगाकर दो लोगों की हत्या करने का आरोप तय हुआ था।

सज्जन कुमार को मिली उम्रकैद की सजा
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दो सिख नागरिकों की हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस फैसले के बाद सज्जन कुमार को तिहाड़ जेल में रखा गया है। अदालत ने 25 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब मामले में निर्णय दिया गया।

सज्जन कुमार, जो 1984 के दंगों के आरोपी थे, को पहले भी दोषी ठहराया जा चुका था, लेकिन अब कोर्ट ने उन्हें उम्रभर की सजा सुनाई। फैसले के बाद, सिख समुदाय के सदस्य और पीड़ित महिलाएं इस सजा से नाखुश हैं, और उन्होंने सज्जन कुमार को फांसी की सजा देने की मांग की है।

पीड़ित महिलाएं नाखुश, फांसी की सजा की मांग
सज्जन कुमार की उम्र 80 साल से अधिक है, लेकिन इसके बावजूद पीड़ित महिलाएं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि सज्जन कुमार को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। पीड़ितों का आरोप है कि उन्हें न्याय नहीं मिला और सज्जन कुमार जैसे नेताओं को जितनी सजा दी गई है, वह उतनी पर्याप्त नहीं है।

वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने भी इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सज्जन कुमार को दो उम्रकैद की सजा मिली है, जो उनकी उम्र को देखते हुए काफी हल्की है। फुल्का ने कहा कि सज्जन कुमार को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 436 (आगजनी) के तहत दोषी ठहराया गया है, और उन्हें उम्रभर के लिए कारावास की सजा दी गई है।

सज्जन कुमार पर आरोप: दंगा और हत्या का दोषी ठहराया गया
1984 के सिख विरोधी दंगे में सज्जन कुमार की भूमिका पर कई आरोप लगे थे। अदालत ने उन्हें 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में पिता-पुत्र की हत्या करने का दोषी ठहराया था। सज्जन कुमार को 12 फरवरी 2020 को दंगा, गैरकानूनी सभा और हत्या जैसी गंभीर धाराओं में दोषी करार दिया गया था।

यह मामला पहले पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में एक विशेष जांच दल (SIT) ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। अदालत ने 16 दिसंबर 2021 को सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय किए थे, और अब कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

अभियोजन पक्ष का आरोप: बदले की भावना से की गई हिंसा
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि एक बड़ी भीड़, जो घातक हथियारों से लैस थी, ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर लूटपाट, आगजनी और सिखों की संपत्तियों को नष्ट किया। इस दौरान, इस भीड़ ने शिकायतकर्ता के घर पर हमला किया था, जिसमें उनके पति और बेटे की हत्या कर दी गई थी, जबकि घर को भी आग के हवाले कर दिया गया।

1984 के सिख विरोधी दंगे में सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा दिए जाने का फैसला न्याय के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए यह एक संतोषजनक निर्णय नहीं है। सिख समुदाय के लोग अभी भी सज्जन कुमार और अन्य दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। यह मामला अदालत में लंबे समय से चल रहा था, और इस फैसले के बाद भी यह सवाल बना हुआ है कि क्या इस सजा से सिखों के खिलाफ हुए अत्याचारों का पूरा न्याय हो पाया है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.