संबल हिंसा में लापता लोग शायद उसी घटना में शामिल थे: पुलिस

24 नवंबर, 2024  के संबल में हुए दर्दनाक हिंसे में चार लोगों की जान गई थी तो वहीं कुछ लोग लापता भी बताए जा रहे थे। सोमवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जो लोग लापता बताए जा रहे हैं सम्भवत: यह वही लोग होंगे जो हिंसा के भागीदार रहे होंगे।

Feb 17, 2025 - 18:14
Feb 17, 2025 - 18:19
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संबल हिंसा में लापता लोग शायद उसी घटना में शामिल थे: पुलिस
संबल हिंसा मे लापता आरोपियों की तलाश मेें जुटी यूपी पुलिस
संबल: 24 नवंबर, 2024  के संबल में हुए दर्दनाक हिंसे में चार लोगों की जान गई थी तो वहीं कुछ लोग लापता भी बताए जा रहे थे। सोमवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जो लोग लापता बताए जा रहे हैं सम्भवत: यह वही लोग होंगे जो हिंसा के भागीदार रहे होंगे।

संबल SP की टिप्पणी
संबल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SP) कृष्ण कुमार ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, "संबल में पलायन की चर्चा हो रही है। 24 नवंबर को हुई हिंसा में लगभग 2,500 से 3,000 लोग शामिल थे। पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके गए थे और उन पर गोलीबारी भी की गई थी।" अब तक, 79 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कुछ संदिग्धों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए हैं और सोशल मीडिया पर उनके फोटो साझा किए गए हैं।

संबल में सामान्य जीवन जारी है
कुमार ने कहा कि जो लोग लापता हैं, वे शायद वही लोग हैं जो इस हिंसा में शामिल थे। उन्होंने यह भी कहा कि सामान्य जीवन जारी है, बच्चे स्कूल जा रहे हैं, बाजार खुले हुए हैं और "पलायन की कोई बात गलत है।"
ओवैसी का पलायन का आरोप
संबल SP की यह टिप्पणी AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद आई है। ओवैसी ने रविवार को आरोप लगाया था कि संबल में "आतंक और दहशत का माहौल" बनाया गया है, जिसके कारण लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। ओवैसी ने अपने एक पोस्ट में लिखा, "संबल में इतना डर और अत्याचार का माहौल बना दिया गया है कि लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। सरकार को संबल के मुसलमानों को निशाना बनाने और उन्हें सामूहिक रूप से सजा देने से रोकना चाहिए। उन्हें आश्वासन देने के कदम जल्द उठाए जाने चाहिए।"

पुलिस का जवाब
ओवैसी के आरोपों का जवाब देते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हिंसा में 2,500 से 3,000 लोग शामिल थे, जिनमें से केवल 79 को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा में शामिल थे, वे अपने पोस्टर देखकर पहचान सकते हैं और इसी कारण से वे वहां नहीं हो सकते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सामान्य जनता में किसी प्रकार का डर नहीं है और अपराधियों को पुलिस से डरना चाहिए। SP ने कहा "मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि कोई निर्दोष परेशान न हो, लेकिन जो लोग अपराध में शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हिंसा में हुई जानमाल की हानि
24 नवंबर की हिंसा में चार लोगों की जान गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे, जिनमें सुरक्षा कर्मी भी शामिल थे। यह घटना को लेकर राज्य विधानसभा और संसद में भी एक बड़ा राजनैतिक विवाद भी छिड़ गया था।

संबल में हुई हिंसा पर विभिन्न आरोपों और प्रतिक्रियाओं के बीच, पुलिस ने स्थिति को सामान्य बताया और किसी भी प्रकार के दहशत या पलायन को नकारा। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि जो लोग हिंसा में शामिल थे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन आम जनता को किसी प्रकार का खतरा नहीं है।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.