अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर उपचुनाव में चुनाव आयोग से कड़ी निगरानी की अपील की
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के दौरान भाजपा समर्थक सरकारी अधिकारियों की नियुक्तियों पर ध्यान देने का अनुरोध किया। उन्होंने चुनाव आयोग से कड़ी निगरानी में उपचुनाव कराने की भी अपील की, ताकि निष्पक्ष चुनाव की स्वस्थ परंपरा बनी रहे।

भाजपा समर्थक अधिकारियों की नियुक्ति पर उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने ट्विटर पर एक पोस्ट के माध्यम से चुनाव आयोग को चेतावनी दी और कहा कि मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा समर्थक सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति से चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी हो सकती है। उनका आरोप है कि इन अधिकारियों की नियुक्ति से भाजपा को चुनावी लाभ मिल सकता है, जिससे निष्पक्ष चुनाव पर सवाल उठ सकता है।
अखिलेश ने कहा, "चुनाव आयोग को मिल्कीपुर में भाजपा समर्थक सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति का संज्ञान लेना चाहिए।" उनका यह भी कहना था कि यह कदम चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा सकता है, जिससे चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
कड़ी निगरानी की आवश्यकता
सपा अध्यक्ष ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उपचुनाव को कड़ी निगरानी में कराए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो और किसी भी प्रकार की धांधली से बचा जा सके। अखिलेश ने यह भी कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता बनाए रखना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है, और उन्हें इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
उपचुनाव की तारीख
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद इस क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी, भाजपा सरकार की नीतियों को चुनौती देते हुए इस उपचुनाव को एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देख रही है। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार है।
अखिलेश यादव का चुनावी अभियान
अखिलेश यादव की यह अपील राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों और उपचुनावों को लेकर समाजवादी पार्टी के चुनावी अभियान के हिस्से के रूप में देखी जा रही है। उन्होंने पहले भी भाजपा पर कई बार आरोप लगाया है कि उनकी सरकार सत्ता में रहते हुए चुनावों को प्रभावित करने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करती है।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तर प्रदेश में सपा भाजपा के खिलाफ अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के प्रयासों में जुटी हुई है। अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर में चुनावी लड़ाई को सिर्फ स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि राज्य की राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा है।
भाजपा की प्रतिक्रिया
हालांकि, भाजपा ने अखिलेश यादव के आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि चुनाव आयोग पूरी तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराता है। भाजपा नेताओं का कहना है कि विपक्षी दल अपनी हार की संभावनाओं को देखते हुए पहले से ही ऐसे आरोप लगा रहे हैं।
अखिलेश यादव का यह बयान यह स्पष्ट करता है कि आगामी मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है। उनका चुनाव आयोग से यह आग्रह राज्य के चुनावी माहौल को और गरम कर सकता है, और इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो सकती है। अब यह देखना होगा कि चुनाव आयोग इस मामले पर क्या कदम उठाता है और उपचुनाव की प्रक्रिया को कैसे नियंत्रित करता है।
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