हाथरस भगदड़ घटना की न्यायिक जांच पूरी, सरकार को सौंपा गया रिपोर्ट
हाथरस के ग्राम फुलरई मुगलगढ़ी में 2 जुलाई 2024 को हुए भगदड़ हादसे की न्यायिक जांच पूरी हो गई है। इस घटना में साकार नारायण विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के दौरान 121 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है

हाथरस: हाथरस के ग्राम फुलरई मुगलगढ़ी में 2 जुलाई 2024 को हुए भगदड़ हादसे की न्यायिक जांच पूरी हो गई है। इस घटना में साकार नारायण विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के दौरान 121 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है, और अब यह रिपोर्ट कैबिनेट बैठक में रखी गई है। जांच के बाद यह निष्कर्ष सामने आया है कि साकार नारायण विश्व हरि को क्लीन चिट दी गई है, जबकि घटना में षड्यंत्र का कोई स्पष्ट पहलू सामने नहीं आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की गहरी जांच के लिए आयोग का गठन किया था।
जांच आयोग की रिपोर्ट
हाथरस हादसे की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 3 जुलाई 2024 को तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया था। आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने की, जबकि सदस्य के रूप में पूर्व आईएएस हेमन्त राव और पूर्व आईपीएस भवेश कुमार सिंह शामिल थे। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन अधिकारियों और आयोजकों की भूमिका को उजागर किया, लेकिन साकार नारायण विश्व हरि के खिलाफ किसी प्रकार की दोषारोपण नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
इस मामले पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है और जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रिपोर्ट के आधार पर उचित कदम उठाए जाएंगे।
घटनास्थल और भगदड़ का विवरण
यह हादसा हाथरस के जीटी रोड के किनारे बनाए गए विशाल पांडाल में हुआ था। साकार नारायण विश्व हरि के सत्संग के बाद, श्रद्धालुओं को बाबा के काफिले को रास्ता देने के लिए रोका गया, लेकिन आयोजक भीड़ को संभालने में विफल रहे। जैसे ही बाबा का काफिला हाईवे पर पहुंचा, एक बेकाबू भीड़ ने भगदड़ मचाई, जिसके परिणामस्वरूप 121 लोग मारे गए और 2 दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। घटना के बाद इलाके में शोक की लहर दौड़ गई थी, और पीड़ित परिवारों ने न्याय की मांग की थी।
जांच में 1500 से अधिक बयान दर्ज
हाथरस में हुए इस भीषण हादसे की जांच के दौरान, आयोग की टीम ने 1500 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए। इनमें घटना के प्रत्यक्षदर्शी, पीड़ित परिवारों के सदस्य और अन्य स्थानीय लोग शामिल थे। 10 अक्टूबर 2024 को साकार नारायण विश्व हरि ने भी आयोग के सामने अपना बयान दर्ज कराया था। इस दौरान आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाने की कोशिश की गई, ताकि दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
शिवपाल यादव का तंज
इस घटनाक्रम पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने भाजपा सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती और राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर अत्याचार की समाप्ति की दिशा में काम किया जाएगा। उनका यह बयान राजनीतिक रूप से सख्त प्रतिक्रिया के रूप में देखा गया है।
भविष्य की कार्रवाई
अब इस रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि कौन से अधिकारियों और आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। भाजपा सरकार ने इस मामले में जांच की गंभीरता से की है, और आगामी बजट सत्र में यह रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जा सकती है। रिपोर्ट में जिन अधिकारियों और आयोजकों की भूमिका उजागर की गई है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
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हाथरस में हुए हादसे की न्यायिक जांच पूरी हो चुकी है, और रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण पहलुओं का खुलासा हुआ है। यह मामला अब राज्य सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदमों की ओर अग्रसर है।
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