Mahakumbh: चारबाग रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़, यात्रियों को हुई परेशानियां
महाकुंभ में पुण्य डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह लगातार बरकरार है, और इसका असर चारबाग रेलवे स्टेशन पर साफ देखा गया। सोमवार को प्रयागराज जाने वाली ट्रेनें यात्रियों से खचाखच भरी नजर आईं, जबकि न तो कोई विशेष अवकाश था और न ही कोई विशेष मुहूर्त। यात्रियों की भारी भीड़ ने रेलवे अधिकारियों के लिए चुनौती खड़ी कर दी

सहूलियत के बजाय बढ़ी मुश्किलें
सोमवार को दोपहर से ही यात्रियों का रेलवे स्टेशन पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। जैसे-जैसे प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों का समय नजदीक आता गया, प्लेटफार्म संख्या दो पर भीड़ बढ़ती गई। त्रिवेणी एक्सप्रेस के चारबाग पहुंचने से पहले ही जीआरपी और आरपीएफ के जवानों के हाथ-पांव फूल गए, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग थ्रू लाइन पर खड़े थे। ट्रेन के आने के समय एक यात्री इंजन के सामने कूदकर थ्रू लाइन पर पहुंचा, हालांकि वह बाल-बाल बच गया।
यात्रियों के संघर्ष की कहानी
प्रदीप शाह, जो बिहार के रहने वाले हैं, ने बताया कि उन्होंने दिल्ली से महाकुंभ जाने के लिए ट्रेन पकड़ी थी। जब वह लखनऊ पहुंचे, तो यात्रियों ने उन्हें बताया कि यह ट्रेन कटिहार जा रही है, और यदि प्रयागराज जाना है, तो उन्हें यहीं उतरना होगा। उनके परिवार के लोग प्रयागराज जा रहे थे, इसीलिए उन्होंने त्रिवेणी एक्सप्रेस में सवार होने का निर्णय लिया।
ट्रेन की देरी और पानी की कमी
चारबाग रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म संख्या दो सोमवार शाम तक यात्रियों से भर चुका था। सभी यात्री गंगा-गोमती एक्सप्रेस का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। 17:20 बजे उद्योग नगरी एक्सप्रेस, जो मुंबई से प्रतापगढ़ जा रही थी, लखनऊ स्टेशन पहुंची। इस ट्रेन को देख कुछ यात्रियों ने पूछा कि क्या यह ट्रेन प्रयागराज जाएगी, लेकिन उत्तर न में मिलने पर उन्होंने प्लेटफार्म पर ही इंतजार करना शुरू कर दिया।
गंगा-गोमती एक्सप्रेस में विलंब
इसके अतिरिक्त, गंगा-गोमती एक्सप्रेस, जो सोमवार को 18:15 बजे रवाना होने वाली थी, एक घंटे की देरी से 19:15 बजे रवाना हुई। लगातार एनाउंसमेंट किया जाता रहा कि ट्रेन में विलंब हो रहा है, लेकिन यात्री किसी भी स्थिति में महाकुंभ पहुंचने के लिए तत्पर थे।
चारबाग रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ के लिए यात्रियों का उत्साह जबरदस्त था, लेकिन इसी उत्साह के कारण यात्री परेशान भी हुए। भीड़-भाड़ और ट्रेनों की देरी ने यात्रियों की यात्रा को कठिन बना दिया। हालांकि, श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान करने के लिए किसी भी परेशानी का सामना करने को तैयार थे।
What's Your Reaction?






