कोलकाता के दरिंदे को 15 दिन में नहीं मिल सकती फांसी, मोदी को दीदी की चिट्ठी है पल्लाझाड़ सियासत
- 90 दिन में कोर्ट में नहीं पेश हुई चार्जशीट तो आरोपी को जमानत
- एक्सपर्ट से जानिए-जांच से लेकर ट्रायल तक कितना लगता है वक्त
- क्या इस केस का ट्रायल सुप्रीम कोर्ट में होगा, जानिए हर जवाब
नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में चौतरफा आलोचना झेल रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने यह अपील की है कि त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए ऐसे मामलों में सुनवाई अधिकतम 15 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में हर दिन रेप के 90 मामले सामने आते हैं, यह बेहद भयावह स्थिति है। 9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था। पुलिस और प्रशासन के लचर रवैये के चलते ममता विपक्षियों के निशाने पर हैं।
दरिंदगी की घटना पर घिरी ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में देश में महिलाओं के प्रति बढ़ती घटनाओं की तरफ ध्यान खींचते हुए लिखा है कि इन अपराधों को रोकने के लिए केंद्रीय कानून लाने की जरूरत है, ताकि ऐसे अपराधों में शामिल व्यक्तियों को कठोर सजा दिलाई जा सके। आइए- एक्सपर्ट से समझते हैं।
अब केंद्रीय कानून की बात क्यों कर रहीं हैं ममता
ममता ने पत्र में कहा, ऐसे जघन्य अपराधों के लिए कठोर केंद्रीय कानून बनाया जाए, जिसमें प्रस्तावित कानून में ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय भी बनाया जाना चाहिए। दरअसल, ममता बनर्जी सरकार को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने वाले सुप्रीम कोर्ट ने भी कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार की पुलिस के रवैये पर भी कई सवाल उठाए। खासकर एफआईआर में देरी और मौका-ए-वारदात पर हजारों की भीड़ कैसे जुट गई थी? सुबूतों की सुरक्षा क्यों नहीं कराई गई?
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