बेलगाम हुई उत्तर प्रदेश पुलिस, पहले तो पीटकर ली युवक की जान और फिर.......
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में एक युवक की पुलिस हिरासत में मौत का मामला बढ़ता जा रहा है। मृतक रामचंद्र के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और इस घटना को लेकर जमकर बवाल हुआ। पुलिस अधिकारी मृतक का अंतिम संस्कार करवाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन परिजनों के विरोध और नोकझोंक के कारण मामला और गर्म हो गया। इस दौरान वहां मौजूद सीओ ने परिजनों को धमकाते हुए कहा कि "जितने दिन चाहो, शव को घर पर रखो।"

लखीमपुर,08 जनवरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में एक युवक की पुलिस हिरासत में मौत का मामला बढ़ता जा रहा है। मृतक रामचंद्र के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और इस घटना को लेकर जमकर बवाल हुआ। पुलिस अधिकारी मृतक का अंतिम संस्कार करवाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन परिजनों के विरोध और नोकझोंक के कारण मामला और गर्म हो गया। इस दौरान वहां मौजूद सीओ ने परिजनों को धमकाते हुए कहा कि "जितने दिन चाहो, शव को घर पर रखो।"
पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत
लखीमपुर के निघासन थाना क्षेत्र में 36 वर्षीय रामचंद्र की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। आरोप है कि रामचंद्र को जंगल से लकड़ी बीनते वक्त पुलिस ने पकड़ लिया और उसकी बुरी तरह पिटाई की। इसके बाद उसे गंभीर हालत में निघासन सरकारी अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के भाई दिनेश का कहना है कि पुलिस ने उसे शराब कारोबारी बताकर पकड़ा और उसके बाद उसकी पिटाई कर हत्या कर दी।
पुलिस की क्रूरता से परिवारजन परेशान
जब रामचंद्र की पत्नी पूनम देवी और अन्य परिवारजन अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें शव से अलग करने की कोशिश की गई। आरोप है कि महिला पुलिसकर्मी ने मृतक की पत्नी पूनम को थप्पड़ मारा और शव को छीनकर एंबुलेंस में डाल दिया। परिवारजन सीएचसी के बाहर चीखते रहे, लेकिन पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी। इस दौरान पुलिस अधिकारियों की क्रूरता से स्थानीय लोग भी भयभीत हो गए।
पिटाई के बाद पुलिस ने शव को छोड़कर भागी
रामचंद्र के छोटे भाई दिनेश ने बताया कि उसका भाई मुनेश और सुरेश मोहन के साथ जंगल में लकड़ी लेने गया था। इस दौरान निघासन और मझगई पुलिस की संयुक्त टीम ने रामचंद्र को पकड़ लिया। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने रामचंद्र को बेरहमी से पीटा और उसे मृत अवस्था में निघासन सीएचसी में छोड़कर भाग गए। रामचंद्र ने पुलिस से अपनी जान की भीख भी मांगी, लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी और उसे मौत के घाट उतार दिया।
परिजनों का गुस्सा, पुलिस के खिलाफ इंसाफ की मांग
रामचंद्र के परिवार और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा है। वे पुलिस की क्रूरता और हत्या के खिलाफ इंसाफ की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और मृतक के परिजनों को न्याय दिलाने की अपील की। इस मामले में पुलिस की जवाबदेही पर सवाल उठ रहे हैं, और परिवारजन अब दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
वीडियो वायरल, सीओ के बयान से और बढ़ा विवाद
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें सीओ मृतक के परिजनों को धमकाते हुए नजर आ रहे हैं। सीओ ने कहा, "ना मझगईं थाना सस्पेंड होगा, ना निघासन थाना सस्पेंड होगा, ना कोई मुआवजा देंगे, जितने दिन रखना है रख लो डेड बॉडी को घर पर, चार दिन-पाँच दिन, जितने दिन मन हो।" सीओ का यह बयान मामले को और बढ़ा गया है और अब लोग पुलिस की कार्यप्रणाली और उसके व्यवहार पर सवाल उठा रहे हैं।
मामला तूल पकड़ता है, सरकार से न्याय की उम्मीद
यह घटना जिले में एक गंभीर सवाल खड़ा कर रही है कि क्या पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के बिना इस तरह की घटनाओं का हल संभव है। परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। इस मामले में सरकार से भी न्याय की उम्मीद जताई जा रही है, और परिजनों ने मांग की है कि दोषी पुलिसकर्मियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।
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