कोलकाता में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में शनिवार को फैसला

आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ऑन-ड्यूटी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में शनिवार को सियालदह अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने की संभावना है। इस मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और डॉक्टरों, चिकित्सकीय पेशेवरों तथा अस्पताल सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए थे।

Jan 18, 2025 - 12:32
Jan 18, 2025 - 12:33
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कोलकाता में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में शनिवार को फैसला
कोलकाता 18 जनवरी: आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ऑन-ड्यूटी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में शनिवार को सियालदह अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने की संभावना है। इस मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और डॉक्टरों, चिकित्सकीय पेशेवरों तथा अस्पताल सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए थे।
संजय रॉय पर आरोप

इस मामले में संजय रॉय, जो कोलकाता पुलिस में एक नागरिक स्वयंसेवक थे, पर 9 अगस्त 2024 को सरकारी अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का आरोप है। रॉय पर आरोप है कि उन्होंने अस्पताल के सेमिनार कक्ष में डॉक्टर के साथ अपराध किया और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया। घटना के अगले दिन पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
सियालदह अदालत में मुकदमे की सुनवाई

मामले की सुनवाई 12 नवंबर 2024 को बंद कमरे में शुरू हुई थी। सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास के नेतृत्व में यह मुकदमा 57 दिन तक चला। इस दौरान 50 गवाहों से पूछताछ की गई और दोनों पक्षों ने अपने-अपने प्रमाण प्रस्तुत किए।
सीबीआई द्वारा जांच
इस मामले की जांच शुरू में कोलकाता पुलिस ने की थी, लेकिन बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया था। पुलिस ने अस्पताल के सेमिनार कक्ष से मृतक डॉक्टर का शव बरामद किया और रॉय को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने मामले की गहन जांच की और घटनास्थल से जुड़े सभी पहलुओं को खंगाला।
पीड़िता के माता-पिता का बयान

मृत डॉक्टर के माता-पिता ने दावा किया है कि इस अपराध में केवल संजय रॉय नहीं, बल्कि और भी लोग शामिल हो सकते हैं। उन्होंने अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर कर मामले की और भी गहरी जांच की मांग की है। उनका यह भी कहना है कि अपराध में अन्य व्यक्तियों की भूमिका हो सकती है, जिनके खिलाफ जांच की जानी चाहिए।
देशभर में आक्रोश

इस घटना ने न केवल कोलकाता बल्कि देशभर में आक्रोश फैलाया। जूनियर डॉक्टरों ने इस अपराध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था की मांग की। कई चिकित्सकों ने इस घटना के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और सरकार से अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने की अपील की। इस घटना के बाद चिकित्सा समुदाय और पुलिस प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है।
आगे की कार्रवाई

अब जब मामले की सुनवाई समाप्त हो चुकी है, शनिवार को न्यायाधीश अनिर्बान दास अपना फैसला सुनाएंगे। मृत डॉक्टर के परिवार और डॉक्टर समुदाय की नजरें इस फैसले पर टिकी हुई हैं। न्याय की उम्मीद के साथ ही, मामले की और जांच की मांग भी जारी है।
यह घटना न केवल एक जघन्य अपराध है, बल्कि अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े करती है।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.