प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ के आलोचकों पर साधा निशाना, कहा- 'धर्म को कमजोर करने वाली ताकतें'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए महाकुंभ के आलोचकों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश की धर्म और संस्कृति का मजाक उड़ा रहे हैं और इसे कमजोर करने की विदेशी ताकतों के पक्ष में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस बयान में महाकुंभ के खिलाफ उठाए गए मुद्दों पर भी जवाब दिया।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए महाकुंभ के आलोचकों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश की धर्म और संस्कृति का मजाक उड़ा रहे हैं और इसे कमजोर करने की विदेशी ताकतों के पक्ष में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस बयान में महाकुंभ के खिलाफ उठाए गए मुद्दों पर भी जवाब दिया।
महाकुंभ पर आलोचनाओं का जवाब
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजकल कुछ नेता और लोग देश की धार्मिक आस्थाओं और सांस्कृतिक परंपराओं का उपहास उड़ा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ विदेशी ताकतें इन लोगों का समर्थन कर रही हैं ताकि भारत के समाज को तोड़ा जा सके। "हमारे त्योहारों, परंपराओं और रीति-रिवाजों का दुरुपयोग करना, एकता को तोड़ने का एजेंडा है।" मोदी ने यह भी जोड़ा कि यह लोग सदियों से हिंदू धर्म और उसकी आस्थाओं के खिलाफ काम कर रहे हैं।
'हमारे समाज को बांटना इनका एजेंडा'
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि ये आलोचक हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति की जड़ों पर हमला करने का प्रयास करते हैं। "इनका उद्देश्य हमारी एकता को कमजोर करना और समाज को बांटना है," प्रधानमंत्री ने कहा। उन्होंने कहा कि ये लोग कभी भी हमारे त्योहारों और परंपराओं को निशाना बनाते हैं, क्योंकि उनकी मानसिकता में भारत की एकता को तोड़ने का प्रयास छुपा होता है।
विपक्षी नेताओं द्वारा महाकुंभ पर उठाए गए सवाल
इस माह की शुरुआत में हुए महाकुंभ में भगदड़ की घटना और संगम के पानी में मल पाए जाने की खबरों के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भगदड़ की घटना को लेकर महाकुंभ को 'मृत्यु कुंभ' करार दिया था। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी महाकुंभ के पैमाने और खर्च को लेकर सवाल उठाए थे। इन मुद्दों के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष की आलोचनाओं का सीधे तौर पर जवाब देते हुए उन्हें देश को कमजोर करने वाली विदेशी ताकतों का समर्थन करने वाला बताया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भाषण के माध्यम से महाकुंभ के आलोचकों को स्पष्ट संदेश दिया और कहा कि धार्मिक आस्थाओं और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा भारत के लिए सर्वोपरि है। उनके अनुसार, धर्म और संस्कृति की रक्षा की जिम्मेदारी सभी नागरिकों की है, और इस तरह के मुद्दों पर विरोधियों का नजरिया सही नहीं हो सकता।
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