दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीपीआई 6 सीटों पर लड़ेंगी चुनाव : बृंदा करात

दिल्ली विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के बाद दिल्ली की सियासत गर्म होती जा रही है। सभी पार्टियां प्रचार प्रसार में उतर गई है, वर्तमान में दिल्ली के सत्ताधीस आम आदमी पार्टी अपने कार्यों  के साथ नई योजनाओं को लेकर चुनावी मैदान में उतरी है। भाजपा और कांग्रेस के साथ सीपीआई ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने 6 उम्मीदवारों को उतारने का ऐलान किया है। यह माना जा रहा है कि सीपीआई की यह पहल भजपा के लिए मुश्किले खड़ी कर सकता है। 

Jan 10, 2025 - 13:26
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीपीआई 6 सीटों पर लड़ेंगी चुनाव : बृंदा करात
दिल्ली,10 जनवरी: विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के बाद दिल्ली की सियासत गर्म होती जा रही है। सभी पार्टियां प्रचार प्रसार में उतर गई है, वर्तमान में दिल्ली के सत्ताधीस आम आदमी पार्टी अपने कार्यों  के साथ नई योजनाओं को लेकर चुनावी मैदान में उतरी है। भाजपा और कांग्रेस के साथ सीपीआई ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने 6 उम्मीदवारों को उतारने का ऐलान किया है। यह माना जा रहा है कि सीपीआई की यह पहल भजपा के लिए मुश्किले खड़ी कर सकता है। 

सीपीआई (एम) का चुनावी निर्णय

वरिष्ठ सीपीआई (एम) नेता बृंदा करात ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का रुख स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि वाम दलों ने मिलकर दिल्ली विधानसभा चुनाव में छह सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है, और बाकी सीटों पर भाजपा के खिलाफ सबसे मजबूत उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे।

भाजपा को रोकने के लिए साझा प्रयास

करात ने यह भी कहा कि सीपीआई (एम) दिल्ली में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए अपने प्रयासों को समर्पित करेगी। पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह छह सीटों में से दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बाकी पर भाजपा के खिलाफ अभियान चलाएगी।

सशक्त उम्मीदवारों का समर्थन

करात ने यह स्पष्ट किया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में वाम दलों ने पहले ही चुनावी मैदान में उतरे सभी उम्मीदवारों की पहचान कर ली है। उन्होंने कहा, "सीपीआई (एम) के उम्मीदवार उन सीटों पर अपने मजबूत उम्मीदवार उतारेगी, जिनका चुनावी समर्थन भाजपा को हराने के लिए होगा।"

वाम दलों का समन्वय

इसके साथ ही करात ने यह भी बताया कि वाम दलों के बीच बेहतर समन्वय रहेगा, और चुनावी रणनीतियों पर साझा काम किया जाएगा। उनका मुख्य उद्देश्य दिल्ली में भाजपा की सत्ता को रोकने और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना है।

आगामी चुनाव की चुनौती

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर अब तक कई दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। वाम दलों का यह निर्णय न केवल भाजपा के खिलाफ एकजुटता को दर्शाता है, बल्कि दिल्ली के चुनावी माहौल को भी प्रभावित करेगा।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.