पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर यूपी में राजकीय शोक घोषित

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने 26 दिसंबर 2024 से लेकर 1 जनवरी 2025 तक राजकीय शोक की घोषणा की है। इस शोक अवधि में राज्य में सभी सरकारी कार्यों और कार्यक्रमों को सादगी और सम्मान के साथ किया जाएगा। राष्ट्रीय ध्वज आधिकारिक रूप से झुका रहेगा: राज्य सरकार ने निर्देशित किया है कि इस शोक अवधि के दौरान, राष्ट्रीय ध्वज सभी सरकारी इमारतों पर आधिकारिक रूप से झुका रहेगा। यह प्रतीकात्मक कदम डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति सम्मान और उनके योगदान की अभिव्यक्ति है।

Dec 27, 2024 - 11:40
Dec 27, 2024 - 13:20
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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर यूपी में राजकीय शोक घोषित
उत्तर प्रदेश, 27 दिसंबर: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने 26 दिसंबर 2024 से लेकर 1 जनवरी 2025 तक राजकीय शोक की घोषणा की है। इस शोक अवधि में राज्य में सभी सरकारी कार्यों और कार्यक्रमों को सादगी और सम्मान के साथ किया जाएगा। राष्ट्रीय ध्वज आधिकारिक रूप से झुका रहेगा: राज्य सरकार ने निर्देशित किया है कि इस शोक अवधि के दौरान, राष्ट्रीय ध्वज सभी सरकारी इमारतों पर आधिकारिक रूप से आधा झुका रहेगा। यह प्रतीकात्मक कदम डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति सम्मान और उनके योगदान की अभिव्यक्ति है।

मनोरंजन कार्यक्रमों पर रोक
उत्तर प्रदेश सरकार ने यह भी घोषणा की है कि इस अवधि में कोई भी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। राज्य में सभी सांस्कृतिक और मनोरंजन कार्यक्रमों पर रोक लगा दी जाएगी, ताकि डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया जा सके और उनके योगदान को श्रद्धांजलि दी जा सके।

डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अनमोल था। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधारों की नई दिशा अपनाई, और उनका कार्यकाल भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण माना जाता है। उनकी नीति, द्रष्टिकोण और समर्पण ने देश को कई कठिन समय में मार्गदर्शन प्रदान किया।
भारत में विभिन्न जनकल्याण योजनाओं और अधिकारों की महत्वपूर्ण शुरुआत

भारत में नागरिकों के अधिकारों और कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण अधिनियम और योजनाओं की शुरुआत की गई है, जो देश के विकास में मील का पत्थर साबित हुई हैं। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाओं और अधिकारों की जानकारी इस रिपोर्ट में दी जा रही है।

सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 भारत सरकार ने 15 जून 2005 को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 को स्वीकृति दी, जो 12 अक्टूबर 2005 से लागू हुआ। इस कानून के तहत नागरिकों को सरकारी विभागों से जानकारी मांगने का अधिकार मिला है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो सरकारी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद करता है। इसके जरिए किसी भी नागरिक को अपनी जरूरत की सरकारी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है।

शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 4 अगस्त 2009 को भारत की संसद में शिक्षा का अधिकार (RTE) बिल पारित किया गया, जिसे 1 अप्रैल 2010 से लागू किया गया। इस अधिनियम के तहत 6 से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया है। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21ए के अंतर्गत लागू किया गया, जिसका उद्देश्य प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। इस कानून ने देश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 2005 5 सितंबर 2005 को लागू हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी को कम करना है। इस योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों के वयस्क सदस्य को 100 दिन का रोजगार प्रदान किया जाता है। इस योजना से ग्रामीण इलाकों में आर्थिक स्थिति को सुधारने और मजदूरी के आधार पर जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। मनरेगा के तहत न्यूनतम 220 रुपये प्रतिदिन मजदूरी निर्धारित की गई है।

प्रत्यक्ष लाभ भुगतान (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) DBT 1 जनवरी 2013 से भारत सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ भुगतान (DBT) योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत, सरकार विभिन्न सरकारी लाभों को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर करती है। इस प्रणाली का उद्देश्य बिचौलियों को समाप्त करना और सरकारी धन के वितरण में पारदर्शिता लाना है। DBT योजना के तहत कई कल्याणकारी योजनाओं के लाभ सीधे लोगों तक पहुँचते हैं, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है और व्यवस्था में सुधार होता है।

इन योजनाओं और अधिकारों ने भारत के नागरिकों को कई महत्वपूर्ण लाभ दिए हैं और देश के विकास की दिशा में बड़ी भूमिका निभाई है। इन पहलुओं से यह स्पष्ट है कि भारत सरकार नागरिकों के कल्याण और विकास के लिए निरंतर काम कर रही है, जिससे समाज में समानता और समृद्धि आए।

राज्य सरकार के संदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के नागरिकों से अपील की है कि वे इस शोक के समय में संयम बनाए रखें और डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान का सम्मान करें। राज्य सरकार ने उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

केंद्र सरकार द्वारा शोक प्रस्तावना
देशभर में डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक प्रस्तावित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों ने भी उनके योगदान को याद किया और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके निधन के बाद शोक की लहर ने देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के प्रयासों को प्रकट किया।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.