सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गंगा की खुदाई पर उठाए सवाल, इसे "पर्यावरण अपराध" करार दिया

समाजवादी पार्टी के प्रमुख और कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव ने बुधवार को प्रयागराज में गंगा नदी की खुदाई को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने इसे "पर्यावरण अपराध" करार दिया और कहा कि यह प्राकृतिक प्रवाह में हस्तक्षेप करने का एक प्रयास है। अखिलेश यादव ने यह बयान एक समाचार क्लिप को एक्स पर साझा करते हुए दिया, जिसमें महाकुंभ के दौरान गंगा में खुदाई की प्रक्रिया दिखायी गई थी।

Jan 8, 2025 - 12:42
Jan 8, 2025 - 12:43
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गंगा की खुदाई पर उठाए सवाल, इसे "पर्यावरण अपराध" करार दिया

लखनऊ,08 जनवरी: समाजवादी पार्टी के प्रमुख और कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव ने बुधवार को प्रयागराज में गंगा नदी की खुदाई को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने इसे "पर्यावरण अपराध" करार दिया और कहा कि यह प्राकृतिक प्रवाह में हस्तक्षेप करने का एक प्रयास है। अखिलेश यादव ने यह बयान एक समाचार क्लिप को एक्स पर साझा करते हुए दिया, जिसमें महाकुंभ के दौरान गंगा में खुदाई की प्रक्रिया दिखायी गई थी।

"नदियाँ अपना रास्ता खुद बनाती हैं"

अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में लिखा, "इतिहास गवाह है कि नदियाँ अपना रास्ता खुद बनाती हैं। यह प्राकृतिक प्रवाह नदियों की अविरलता के लिए एक स्वनिर्मित मार्ग है।" उनका कहना था कि नदियों के स्वाभाविक प्रवाह से छेड़छाड़ करना न केवल प्राकृतिक नियमों के खिलाफ है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी खतरनाक हो सकता है। उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि गंगा की खुदाई के जरिए चुनिंदा लोगों को ठेका देने का प्रयास भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है।

पर्यावरणीय संकट की चेतावनी

अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि गंगा जैसी महत्वपूर्ण नदी में हस्तक्षेप से न केवल नदी के पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, बल्कि इससे स्थानीय पर्यावरणीय संकट भी उत्पन्न हो सकता है। उनका आरोप था कि गंगा के प्राकृतिक प्रवाह को प्रभावित करके उसका अपव्यय किया जा रहा है और यह देश की सबसे महत्वपूर्ण नदी के साथ विश्वासघात होगा।

महाकुंभ में गंगा की खुदाई के संदर्भ में सवाल उठाए गए

प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन के लिए गंगा नदी में खुदाई का कार्य किया जा रहा है। अखिलेश यादव ने इस संदर्भ में भी सवाल उठाया कि क्या यह खुदाई वाकई महाकुंभ के लिए आवश्यक है, या फिर यह सिर्फ कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने का एक तरीका है। उनके मुताबिक, इस तरह की गतिविधियाँ पारदर्शी तरीके से नहीं हो रही हैं और यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही हैं।

सत्ता के खिलाफ आक्रामक रुख

अखिलेश यादव का यह बयान यूपी सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ एक आक्रामक रुख को दर्शाता है। उन्होंने पर्यावरण और पारदर्शिता के मुद्दे को उठाते हुए यह भी कहा कि इस मामले में गहरी जांच की आवश्यकता है। उनके अनुसार, अगर गंगा के प्राकृतिक प्रवाह में हस्तक्षेप किया जाएगा तो यह न केवल जलवायु परिवर्तन के संकट को बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी खतरनाक हो सकता है।

इस मामले में अब तक सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अखिलेश यादव के बयान ने इस मुद्दे को राजनीति और पर्यावरण के बीच एक नया मोड़ दिया है।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.