मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव: समाजवादी पार्टी के लिए नाक का सवाल, जीत के लिए जुटी पूरी ताकत
मिल्कीपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए एक बड़ा राजनीतिक इम्तिहान साबित हो सकता है। यह सीट पार्टी के लिए इतनी महत्वपूर्ण है कि सपा हर हाल में इसे जीतने की कोशिश करेगी। उपचुनाव में पार्टी ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है और अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद भी चुनावी मैदान में उतरेंगे। पार्टी ने अपने स्टार प्रचारकों को भी मैदान में उतारने की योजना बनाई है और इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

सपा का पहले ही तय किया गया प्रत्याशी: अजीत प्रसाद
मिल्कीपुर विधानसभा सीट से उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू होते ही सपा ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था। पार्टी ने इस सीट पर पूर्व विधायक और फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को अपना प्रत्याशी बनाया है। अजीत प्रसाद को पिछले साल अक्टूबर में ही पार्टी ने उम्मीदवार के रूप में घोषित कर दिया था। मिल्कीपुर सीट अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद रिक्त हुई है।
पार्टी को नवंबर उपचुनाव में लगा था झटका
नवंबर में हुए नौ विधानसभा सीटों के उपचुनाव में सपा को केवल दो सीटों पर जीत मिली थी, जबकि अन्य सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। खासकर मिल्कीपुर से सटी कटेहरी सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी, जबकि सपा को हार मिली थी। इस हार ने पार्टी को गंभीर चुनौती दी है और अब सपा अपनी पारंपरिक मिल्कीपुर सीट पर जीत के लिए पूरी ताकत लगा रही है।
अवधेश प्रसाद को बनाया गया मिल्कीपुर का प्रभारी
सपा ने मिल्कीपुर विधानसभा के उपचुनाव के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक अवधेश प्रसाद को प्रभारी नियुक्त किया है। अब पार्टी के चुनाव प्रचार में अवधेश प्रसाद की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद सपा विभिन्न टोलियां बना कर प्रचार अभियान शुरू करेगी। पार्टी स्थानीय मुद्दों, जैसे अयोध्या के विकास के नाम पर लोगों को बेघर करने, को उठाकर जनसभाओं और चौपालों के माध्यम से जनता के बीच ले जाएगी।
अखिलेश यादव की जनसभाएं और रोड शो की योजना
सपा के स्टार प्रचारकों की सूची में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों (पीडीए) को खास ध्यान में रखा गया है। पार्टी आरक्षण और संविधान की रक्षा को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाएगी और इसे प्रचार का केंद्र बनाएगी। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अखिलेश यादव मिल्कीपुर में जनसभाएं करने और रोड शो करने का कार्यक्रम भी बना सकते हैं। इससे पार्टी को अधिक से अधिक समर्थन जुटाने की उम्मीद है।
मिल्कीपुर को जोन और सेक्टर में बांटा गया, कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई
मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए सपा ने चुनावी रणनीति तैयार करते हुए पूरे क्षेत्र को जोन और सेक्टर में बांट दिया है। जिलाध्यक्ष पारसनाथ यादव की अध्यक्षता में पार्टी की बैठक में इस रणनीति पर चर्चा की गई। पार्टी ने सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंप दी है और चुनावी प्रचार के लिए पूरी टीम तैयार की है। सपा के नेताओं का मानना है कि मिल्कीपुर की जनता ने पहले भी पार्टी को समर्थन दिया है और अब तीसरी बार भी वे अपने प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए तैयार हैं।
सत्तापक्ष की तिकड़मों से सतर्क रहना होगा
सपा जिलाध्यक्ष पारसनाथ यादव ने इस उपचुनाव को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कार्यकर्ताओं से सतर्क रहने की अपील की। उनका कहना था कि सत्तापक्ष हरसंभव प्रयास करेगा ताकि मिल्कीपुर सीट पर सपा की जीत को रोका जा सके। सपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे स्वयं को प्रत्याशी मान कर चुनावी प्रचार में जुटें।
सपा की नजर अब मिल्कीपुर सीट पर, जीत के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे
यह उपचुनाव सपा के लिए न केवल राजनीतिक बल्कि सम्मान का सवाल बन चुका है। पार्टी पूरी कोशिश कर रही है कि मिल्कीपुर में अपनी स्थिति को मजबूत बनाए और अपनी परंपरागत सीट पर जीत दर्ज कर सत्ता पक्ष को एक बड़ा झटका दे।
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