उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस से गठबंधन में नेतृत्व को उचित ठहराने की अपील की
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस और 'इंडिया' गठबंधन के सहयोगियों के बीच बढ़ते असंतोष को स्वीकार करते हुए पार्टी से अपील की है कि वह अपने नेतृत्व को हल्के में न लेकर उसे उचित ठहराए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस को विपक्षी गठबंधन में अपनी भूमिका को सही तरीके से निभाने के लिए मजबूती से नेतृत्व अर्जित करना होगा
जम्मू: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस और 'इंडिया' गठबंधन के सहयोगियों के बीच बढ़ते असंतोष को स्वीकार करते हुए पार्टी से अपील की है कि वह अपने नेतृत्व को हल्के में न लेकर उसे उचित ठहराए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस को विपक्षी गठबंधन में अपनी भूमिका को सही तरीके से निभाने के लिए मजबूती से नेतृत्व अर्जित करना होगा।
अब्दुल्ला ने एक साक्षात्कार में कहा, "संसद में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते, और लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्ष के नेता होने के नाते, कांग्रेस के पास अखिल भारतीय पदचिह्न है, जिस पर कोई अन्य पार्टी दावा नहीं कर सकती।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह जिम्मेदारी स्वीकार करनी होगी कि वह विपक्षी आंदोलन का स्वाभाविक नेता है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा उठाना चाहिए। यह मुद्दा राज्य के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में अहम है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा 2019 में अनुच्छेद 370 के तहत हटाए जाने के बाद से राज्य के लोगों के बीच एक विवादित मुद्दा बना हुआ है।
नेतृत्व के लिए संघर्ष जरूरी
अब्दुल्ला ने कहा, "कांग्रेस को अपनी भूमिका को सही तरीके से समझना होगा। विपक्षी आंदोलन के नेतृत्व के लिए उन्हें नेतृत्व का दावा करना होगा।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केवल बड़ी पार्टी होने से नेतृत्व नहीं मिलता, बल्कि उसे इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है और इसे अर्जित करना होता है। कांग्रेस के साथ 'इंडिया' गठबंधन में बढ़ते असंतोष का असर हाल ही में विपक्षी नेताओं के बयानों और कार्यप्रणाली में नजर आ रहा है। कुछ गठबंधन सहयोगी यह महसूस कर रहे हैं कि कांग्रेस अपनी केंद्रीय भूमिका को सही तरीके से निभाने में सक्षम नहीं हो पा रही है, जिससे गठबंधन की सामूहिक ताकत में कमी आ रही है।
उमर अब्दुल्ला के बयान ने इस मुद्दे को और अधिक स्पष्ट किया, और उनके बयान से यह भी संकेत मिला कि जम्मू-कश्मीर का राजनीतिक मुद्दा भी गठबंधन के भीतर समग्र नेतृत्व की दिशा को प्रभावित कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनका ध्यान राज्य की राजनीति और वहां के लोगों के हितों पर है, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस को अपनी भूमिका पर पुनर्विचार करना होगा और उसे उचित रूप से निभाना होगा।
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