प्रधानमंत्री मोदी ने जाति की राजनीति के खिलाफ दी चेतावनी, ग्रामीण भारत को बताया विकास का इंजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कुछ लोग जाति की राजनीति के नाम पर देश में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे तत्वों को कड़ा संदेश दिया और कहा कि इस तरह की साजिशों को विफल करने के लिए ग्रामीण भारत को एकजुट रहना होगा। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि देश के गांव 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने बिना किसी विशेष व्यक्ति का नाम लिए यह बयान दिया और कहा कि कुछ लोग समाज में विघटन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

Jan 4, 2025 - 14:29
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प्रधानमंत्री मोदी ने जाति की राजनीति के खिलाफ दी चेतावनी, ग्रामीण भारत को बताया विकास का इंजन
लखनऊ,04 जनवरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कुछ लोग जाति की राजनीति के नाम पर देश में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे तत्वों को कड़ा संदेश दिया और कहा कि इस तरह की साजिशों को विफल करने के लिए ग्रामीण भारत को एकजुट रहना होगा। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि देश के गांव 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने बिना किसी विशेष व्यक्ति का नाम लिए यह बयान दिया और कहा कि कुछ लोग समाज में विघटन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

ग्रामीण भारत महोत्सव का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर ग्रामीण भारत महोत्सव का उद्घाटन किया। महोत्सव का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना और देश के विकास में ग्रामीण समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है। पीएम मोदी ने इस महोत्सव को गांवों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जिससे ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं और चुनौतियों को समझने का अवसर मिलेगा और उनके समाधान की दिशा में काम किया जा सकेगा।

2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने में गांवों की भूमिका

प्रधानमंत्री ने ग्रामीण भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में इसके महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना केवल गांवों की भागीदारी से ही पूरा हो सकता है। मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों, सामाजिक न्याय, और समानता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

शांति बनाए रखने की अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में शांति बनाए रखने और देश के विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में जातिवाद और सामाजिक भेदभाव से बचते हुए एकता और सद्भाव को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसके लिए गांवों के नागरिकों, नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से मिलकर काम करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर जाति की राजनीति से बचने और ग्रामीण भारत की भूमिका को मजबूती देने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने महोत्सव के जरिए ग्रामीण इलाकों में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के अपने विचार साझा किए। इस प्रकार, पीएम मोदी ने यह सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाने की बात की कि देश में शांति और विकास की प्रक्रिया में हर नागरिक का योगदान हो।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.