लखनऊ, 23 जनवरी: लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने प्रदेश के असुरक्षित पुलों का ताजा सर्वेक्षण पूरा कर लिया है। इस सर्वेक्षण में 99 पुल असुरक्षित पाए गए हैं, जिनमें से 66 पुल जरजर स्थिति में हैं। इन पुलों में कई ऐतिहासिक और पुराने पुल भी शामिल हैं। प्रदेश सरकार ने इन पुलों की मरम्मत या नवीनीकरण की दिशा में कार्य शुरू करने के आदेश दिए हैं।
पुराने और खतरनाक पुलों की पहचान
पिछले सर्वेक्षण में प्रदेश में 83 असुरक्षित पुलों की पहचान की गई थी। ताजे सर्वेक्षण में यह संख्या बढ़कर 99 हो गई है। इनमें 66 पुल ऐसे हैं जो अब जरजर
स्थिति में हैं, और उनकी मरम्मत के लिए विशेष योजना बनाई जा रही है। इन पुलों में से कुछ तो 100 से भी अधिक वर्ष पुराने हैं।
ऐतिहासिक पुलों पर खतरे की घंटी
सबसे पुराने और खतरनाक पुलों में कन्नौज की गंग नहर पर स्थित 173 वर्ष पुराना पुल और औरैया में यमुना नदी पर स्थित 170 वर्ष पुराना पुल शामिल हैं। यह दोनों पुल लंबे समय से उपयोग में हैं और अब इनकी स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। इन पुलों का नवीनीकरण और मरम्मत अत्यंत आवश्यक है ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार में हाल ही में हुए पुलों के गिरने की घटना के बाद प्रदेश के सभी 50 वर्ष पुराना पुलों की जांच करवाने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने पुलों की गहन जांच की और असुरक्षित पुलों की सूची तैयार की। इस प्रक्रिया में अब तक कई पुराने और अति क्षतिग्रस्त पुलों का पता चला है।
विभागीय कार्रवाई: मरम्मत और निर्माण की योजना
लोक निर्माण विभाग ने असुरक्षित पुलों के पुनर्निर्माण और मरम्मत के लिए कार्ययोजना तैयार की है। विभाग ने 31 पुलों के पुनर्निर्माण को प्राथमिकता देते हुए उन्हें कार्ययोजना में शामिल किया है। इसके अलावा, कुछ पुलों पर यातायात को रोकने और सुरक्षा संकेतक बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
असुरक्षित पुलों का विवरण
सर्वेक्षण में कई जिलों से असुरक्षित पुलों की पहचान की गई है। इनमें सबसे पुराने पुलों में कानपुर देहात के रसूलाबाद में स्थित 150 वर्ष पुराना पुल और करहल में गंगा नहर पर स्थित 109 वर्ष पुराना पुल शामिल हैं।
अधिकांश असुरक्षित पुल निम्नलिखित जिलों में पाए गए हैं:
- देवरिया: छोटी गण्डक नदी पर बने 104 वर्ष पुराने पुल
- औरैया: अछल्दा नहर और पुरहा नदी पर बने 100 वर्ष पुराने पुल
- सिद्धार्थनगर: आठ असुरक्षित पुल
- कानपुर देहात: सात असुरक्षित पुल
- उन्नाव और सहारनपुर: चार-चार असुरक्षित पुल
इसके अलावा, मैनपुरी, अमेठी, कानपुर नगर, सीतापुर, गाजीपुर, रामपुर, झांसी और सोनभद्र में तीन-तीन पुलों की स्थिति खराब पाई गई है।
मरम्मत कार्य की योजना
जिन पुलों को मरम्मत की आवश्यकता है, उनमें सुलतानपुर, आजमगढ़, बरेली, शाहजहांपुर, गोरखपुर, जालौन, हरदोई, लखीमपुर खीरी, बागपत और प्रयागराज में दो-दो पुलों की मरम्मत की जाएगी। विभाग ने संबंधित जिलों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द इन पुलों की मरम्मत प्रक्रिया शुरू करें ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
प्रदेश में असुरक्षित और जर्जर पुलों की समस्या बढ़ती जा रही है, लेकिन लोक निर्माण विभाग इस पर कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इन पुलों की मरम्मत और निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा ताकि आने वाले समय में किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके और प्रदेशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।