मायावती ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर किया हमला, 'One Nation One Election' बिल का किया समर्थन
बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि ये पार्टियां आरक्षण पर बात करने का कोई हक नहीं रखतीं, क्योंकि जब कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए सरकार थी, तब दोनों दलों ने अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) को पदोन्नति में आरक्षण देने वाली कानून का विरोध किया था।
बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि ये पार्टियां आरक्षण पर बात करने का कोई हक नहीं रखतीं, क्योंकि जब कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए सरकार थी, तब दोनों दलों ने अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) को पदोन्नति में आरक्षण देने वाली कानून का विरोध किया था।
एक प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए मायावती ने कहा, "कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने कभी भी दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के हितों के लिए काम नहीं किया। जब केंद्र में कांग्रेस की यूपीए सरकार थी, तब इन पार्टियों ने SC और ST के लिए पदोन्नति में आरक्षण देने वाली विधेयक का विरोध किया था। अब वे आरक्षण पर बातें करते हैं, यह उनकी दोहरी नीति का उदाहरण है।"
'One Nation One Election' बिल का समर्थन
मायावती ने केंद्र सरकार के 'One Nation One Election' के प्रस्तावित बिल का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह कदम खर्चों को कम करेगा और सार्वजनिक कल्याण कार्यों को सहज रूप से जारी रखने में मदद करेगा। मायावती ने अन्य राजनीतिक दलों से भी इस विधेयक का समर्थन करने का आग्रह किया और इसे देश की प्रगति और विकास के लिए आवश्यक बताया।
उन्होंने कहा, "यह समय की आवश्यकता है कि हम चुनावों के खर्चों को कम करने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं और कल्याणकारी कार्यों को चलने दें। 'One Nation One Election' से हमारे संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और लोगों की भलाई को प्राथमिकता दी जाएगी।"
संविधान के नौवें अनुसूची में आरक्षण को शामिल करने की मांग
मायावती ने संविधान के नौवें अनुसूची में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण को शामिल करने की मांग की। उनका कहना था कि इससे आरक्षण के अधिकार को कानून की नजर से सुरक्षित किया जा सकेगा, और भविष्य में इसे किसी भी प्रकार से बदला या समाप्त नहीं किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा, "संविधान के नौवें अनुसूची में आरक्षण को शामिल किया जाना चाहिए ताकि इस पर कोई भी न्यायिक समीक्षा न हो सके और किसी भी प्रकार से इसे समाप्त नहीं किया जा सके। यह दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी है।"
सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता
मायावती ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी हमेशा सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों पर काम करती रहेगी। उनका कहना था कि बसपा हमेशा उन वर्गों के अधिकारों की रक्षा करेगी जो ऐतिहासिक रूप से सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बसपा चुनावों में अपनी पूरी ताकत लगाकर देश भर में उन वर्गों के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेगी जो आज भी सामाजिक और राजनीतिक धारा से बाहर हैं।
मायावती का यह बयान आगामी चुनावों के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां वे समाज के कमजोर वर्गों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश करेंगी।
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