बॉलीवुड अभिनेताओं श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ के नाम पर चिटफंड स्कीम: 45 निवेशकों से 9.12 करोड़ रुपये ठगे,अभिनेताओं पर एफआईआर दर्ज
बॉलीवुड अभिनेता श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ के नाम का इस्तेमाल कर द लोनी अरबन मल्टी स्टेट क्रेडिट सोसाइटी (एलयूसीसी) ने एक धोखाधड़ी की चिटफंड स्कीम निकाली। इस स्कीम में छह साल में दोगुना रकम देने का झांसा देकर 45 निवेशकों से 9.12 करोड़ रुपये हड़प लिए गए। चिटफंड के संचालकों ने बड़े नामों का इस्तेमाल कर लोगों को आकर्षित किया और उन्हें पैसे निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस धोखाधड़ी का शिकार हुए अनीस अहमद ने बताया कि करीब आठ साल पहले उनकी मुलाकात डॉ. उत्तम सिंह राजपूत से हुई, जिन्होंने उन्हें यह बताया कि वह गोमती नगर विस्तार स्थित द लोनी अरबन सोसाइटी की जोनल शाखा से जुड़े हुए हैं। डॉ. उत्तम ने यह दावा किया कि अगर लोग इस सोसाइटी में निवेश करेंगे, तो उनकी रकम छह साल में दोगुना हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि यह सोसाइटी भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है और केंद्र सरकार के सहकारिता मंत्रालय में रजिस्टर्ड है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा।
अनीस ने सोसाइटी में निवेश करने का निर्णय लिया और पहले टुकड़ों में 10 लाख रुपये जमा किए। इसके बदले उन्हें रसीद, बॉन्ड और पासबुक दी गई। उनके अनुसार, इस दौरान कई अन्य लोग भी गोमती नगर विस्तार स्थित ऑफिस में आकर निवेश कर रहे थे। सोसाइटी ने उन्हें मेंबर बनाकर और दूसरों से भी निवेश कराने का भरोसा दिलाया। अनीस ने लखनऊ, सीतापुर, जौनपुर और उन्नाव के 44 लोगों से कुल 9.02 करोड़ रुपये का निवेश कराया।
जून 2024 में कंपनी के अधिकारी टालमटोल करने लगे और अंत में गोमती नगर विस्तार स्थित ऑफिस पर ताला लगाकर फरार हो गए। अनीस ने बताया कि सोसाइटी का रजिस्टर्ड ऑफिस गाजियाबाद में था और प्रशासनिक कार्यालय इंदौर में था, लेकिन जब लोग अपनी रकम वापस मांगने पहुंचे तो दोनों ही ऑफिस बंद मिले।
सोसाइटी संचालक डॉ. उत्तम सिंह ने इस चिटफंड स्कीम का प्रचार करने के लिए बॉलीवुड अभिनेताओं आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े को ब्रांड एंबेसडर बनाया था। इन बड़े नामों को जोड़कर निवेशकों का भरोसा जीता गया और वे करोड़ों रुपये का निवेश करने को राजी हो गए।
अनीस की शिकायत पर पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की और डॉ. उत्तम सिंह, संजीव वर्मा, समीर अग्रवाल, शबाब हुसैन, आरके शेट्टी, श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन की रिपोर्ट दर्ज की है। गोमतीनगर विस्तार थाने के इंस्पेक्टर सुधीर अवस्थी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न केवल निवेशकों के लिए एक बड़ा नुकसान साबित हुई, बल्कि यह चिटफंड स्कीम के बारे में लोगों के विश्वास को भी प्रभावित कर सकती है। पुलिस की जांच और कड़ी कार्रवाई का इंतजार है, ताकि पीड़ितों को उनका पैसा वापस मिल सके और दोषियों को सजा मिल सके।
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