भूटान नरेश वांगचुक का भारत दौरा, महाकुंभ में लगाएंगे डुबकी

भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक सोमवार को भारत यात्रा पर लखनऊ पहुंचे। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। भूटान नरेश ने भारत-भूटान के आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए लखनऊ में विभिन्न शिष्टाचार मुलाकातों का आयोजन किया। वांगचुक मंगलवार को प्रयागराज महाकुंभ पहुंच कर संगम पर पावन त्रिवेणी में स्नान व दर्शन-पूजन करेंगे।

Feb 4, 2025 - 11:01
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भूटान नरेश  वांगचुक का भारत दौरा, महाकुंभ में लगाएंगे डुबकी
वांगचुक के स्वागत में CCS एयरपोर्ट पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
लखनऊ, 4 फरवरी: भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक सोमवार को भारत यात्रा पर लखनऊ पहुंचे। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। भूटान नरेश ने भारत-भूटान के आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए लखनऊ में विभिन्न शिष्टाचार मुलाकातों का आयोजन किया। वांगचुक मंगलवार को प्रयागराज महाकुंभ पहुंच कर संगम पर पावन त्रिवेणी में स्नान व दर्शन-पूजन करेंगे।
मुख्यमंत्री और भूटान नरेश की मुलाकात
लखनऊ के ताज होटल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने भूटान नरेश के साथ शिष्टाचार भेंट की। इस मुलाकात के दौरान भारत-भूटान संबंधों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके साथ ही दोनों देशों की संस्कृति को और मजबूत बनाने के तरीकों पर भी विचार किया गया।
राजभवन में रात्रि भोज और सम्मान समारोह
राजभवन में भूटान नरेश के सम्मान में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा रात्रि भोज का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। भूटान नरेश ने इस दौरान राजभवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
महाकुंभ में भाग लेने के लिए प्रयागराज की ओर रवाना
आज (मंगलवार) को भूटान नरेश प्रयागराज में महाकुंभ में शामिल होने के लिए जाएंगे। वह संगम पर पवित्र त्रिवेणी में स्नान करेंगे और धार्मिक पूजा-अर्चना करेंगे। महाकुंभ का आयोजन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, और इस अवसर पर भूटान नरेश के भारतीय धरती पर आगमन से दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को नया आयाम मिलेगा।
महाकुंभ की धरती पर वैश्विक ध्यान सत्र: श्रीश्री रविशंकर का योगदान
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर महाकुंभ के आयोजन से एक वैश्विक ध्यान सत्र का संचालन करेंगे। यह ध्यान सत्र सोमवार रात 8 बजे से लाइव प्रसारित होगा। आर्ट ऑफ लिविंग के मेडिटेशन एप के माध्यम से दुनिया भर में लाखों लोग इस ध्यान सत्र में भाग ले सकेंगे।
श्रीश्री रविशंकर का कहना है कि महाकुंभ केवल एक स्नान पर्व नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा, ध्यान और साधना का महासंगम है। इस आयोजन के द्वारा भारतीय योग और ध्यान की महत्ता को पूरी दुनिया में प्रचारित किया जाएगा।
ध्यान और साधना सत्रों का आयोजन
महाकुंभ के दौरान श्रीश्री रविशंकर ने विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठानों में भी भाग लिया। उन्होंने मेहंदीपुर बालाजी शिविर में विशेष यज्ञ में भाग लिया और वहां आयोजित ध्यान और साधना सत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज की। इस आयोजन से महाकुंभ का प्रभाव न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महसूस होगा।

भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक का यह दौरा भारत-भूटान के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं, महाकुंभ के साथ-साथ वैश्विक ध्यान सत्र का आयोजन दुनिया भर के साधकों को भारतीय योग और आध्यात्मिकता से जोड़ने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करेगा।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.