दिल्ली के मुस्तफाबाद का नाम बदलकर 'शिवपुरी' या 'शिवविहार' रखने की घोषणा, भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट का वादा पूरा

राजधानी दिल्ली के मुस्तफाबाद क्षेत्र का नाम अब बदलने जा रहा है। भाजपा के विजयी उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट ने रविवार को यह घोषणा की कि वह मुस्तफाबाद का नाम बदलकर 'शिवपुरी' या 'शिवविहार' रखेंगे। यह कदम उन्होंने अपने चुनावी वादे को पूरा करने के रूप में उठाया है, जिसे उन्होंने चुनाव से पहले जनता से किया था।

Feb 9, 2025 - 15:33
 0  11
दिल्ली के मुस्तफाबाद का नाम बदलकर 'शिवपुरी' या 'शिवविहार' रखने की घोषणा, भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट का वादा पूरा
मुस्तफाबाद का नाम बदलने की तैयारी

दिल्ली: राजधानी दिल्ली के मुस्तफाबाद क्षेत्र का नाम अब बदलने जा रहा है। भाजपा के विजयी उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट ने रविवार को यह घोषणा की कि वह मुस्तफाबाद का नाम बदलकर 'शिवपुरी' या 'शिवविहार' रखेंगे। यह कदम उन्होंने अपने चुनावी वादे को पूरा करने के रूप में उठाया है, जिसे उन्होंने चुनाव से पहले जनता से किया था।

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मोहन सिंह बिष्ट ने कहा, “मैंने कहा था कि अगर मैं जीतता हूं तो मुस्तफाबाद का नाम बदलकर शिवपुरी या शिवविहार रख दूंगा और मैं यह वादा पूरा करूंगा।” उन्होंने इस वादे के तहत मुस्तफाबाद का नाम बदलने की योजना का ऐलान किया, जो इस क्षेत्र में भाजपा के चुनावी अभियान का प्रमुख मुद्दा था।

मुस्तफाबाद सीट पर भाजपा की जीत:

भाजपा उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रत्याशी आदिल अहमद खान को 17,578 वोटों के अंतर से हराया। मोहन सिंह बिष्ट को कुल 85,215 वोट मिले, जबकि आदिल अहमद खान को 67,637 वोट प्राप्त हुए। तीसरे स्थान पर एआईएमआईएम के प्रत्याशी ताहिर हुसैन रहे, जिन्हें 33,474 वोट मिले।

यह सीट 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के खाते में गई थी, लेकिन भाजपा ने इस बार अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए मोहन सिंह बिष्ट को करावल नगर सीट से टिकट काटकर मुस्तफाबाद सीट से उम्मीदवार बनाया। बिष्ट ने पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए सीट पर विजय प्राप्त की।

मुख्य चुनावी मुद्दा:

मुस्तफाबाद सीट पर नाम बदलने का मुद्दा प्रमुख चुनावी विषय बना रहा था। भाजपा ने अपने प्रचार में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, जिससे स्थानीय जनता के बीच गहरी चर्चा और समर्थन देखने को मिला। इस चुनावी वादे के साथ भाजपा ने यह भी संदेश दिया कि वह हिंदू सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी।

समीकरण बदलने में अमित शाह की भूमिका:

मुस्तफाबाद क्षेत्र में करीब 52 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं, और 2020 के दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन इस बार एआईएमआईएम के उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में थे। हालांकि, भाजपा ने इस बार अपनी रणनीति में अहम बदलाव करते हुए पांच बार के विधायक मोहन सिंह बिष्ट को करावल नगर से टिकट काटकर मुस्तफाबाद से उम्मीदवार बनाया।

गृह मंत्री अमित शाह ने इस चुनावी क्षेत्र में बड़ी जनसभाएं कीं, जिनमें हिंदू मतदाताओं की भारी संख्या ने भाग लिया। इन रैलियों के दौरान उन्होंने हिंदू वोट को एकजुट करने की कोशिश की, जो उनके लिए फायदेमंद साबित हुई। वहीं, मुस्लिम वोट इस बार बंट गए, जिसमें एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी के बीच विभाजन हुआ। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर ताहिर हुसैन जेल से बाहर नहीं आते, तो मुस्लिम वोट नहीं बंटते, और यह भाजपा के लिए एक बड़ा फायदा साबित हुआ।

भाजपा की रणनीति और मुस्लिम वोटों का बंटवारा:

मुस्तफाबाद की सीट पर भाजपा ने हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने में सफलतापूर्वक अपनी रणनीति को लागू किया। वहीं, मुस्लिम मतदाताओं में आप और एआईएमआईएम के बीच विभाजन हो गया, जिससे भाजपा को फायदा हुआ।

भाजपा के लिए यह चुनावी जीत एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इसने न केवल मुस्तफाबाद सीट को फिर से अपने पक्ष में किया, बल्कि स्थानीय मुद्दों पर भी अपनी पकड़ मजबूत की।

भविष्य में और बदलाव:

मोहन सिंह बिष्ट का यह वादा कि वह मुस्तफाबाद का नाम बदलेंगे, स्थानीय स्तर पर एक बड़ा कदम साबित हो सकता है, जो भाजपा के हिंदू समर्थक वोटबैंक को और भी सुदृढ़ करेगा। साथ ही, यह कदम दिल्ली की राजनीति में भाजपा के प्रभाव को बढ़ा सकता है, जो आगामी विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा किए गए चुनावी वादे की तरह, मोहन सिंह बिष्ट का यह वादा भी दिल्ली के चुनावी परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से वह चुनावी मुद्दे जो स्थानीय पहचान और सांस्कृतिक मूल्य पर आधारित हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.