दिल्ली विधानसभा में विपक्ष का नेता बनीं आतिशी, CAG रिपोर्ट पर भी दिया बयान
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी को रविवार को दिल्ली विधानसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया। यह निर्णय दिल्ली विधानसभा में पार्टी विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया।

CAG रिपोर्ट पर आतिशी का बयान
आतिशी ने दिल्ली विधानसभा में पेश होने वाली CAG (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) रिपोर्ट पर भी एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थीं, तो उन्होंने सीएम के तौर पर CAG रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा के स्पीकर को भेजा था। आतिशी ने स्पष्ट किया कि यह रिपोर्ट चुनाव से पहले सीलबंद लिफाफे में विधानसभा भेजी गई थी और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं थी।
बीजेपी पर आरोप और भ्रांतियों का खुलासा
आतिशी ने कहा कि बीजेपी यह भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है कि CAG रिपोर्ट उनकी तरफ से पेश की जा रही है, जबकि यह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी ने दिल्ली की जनता में भ्रांति फैलाई है, जिसे अब जनता के सामने लाया जाना चाहिए। आतिशी ने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर पूरी सच्चाई जनता के सामने रखेंगे और किसी भी प्रकार की गलत जानकारी को उजागर करेंगे।
आतिशी का राजनीतिक करियर और भविष्य
आतिशी की राजनीति में भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रही है। वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की करीबी सहयोगी रही हैं और कई महत्वपूर्ण फैसलों में उनका योगदान रहा है। दिल्ली की राजनीति में उनकी आवाज़ और नेतृत्व की क्षमता को नकारा नहीं जा सकता। विपक्ष का नेता बनने के बाद आतिशी के लिए राजनीतिक क्षेत्र में यह एक बड़ा कदम है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस नई भूमिका में कैसे कार्य करेंगी।
आम आदमी पार्टी का विपक्ष में रहकर कार्य करना
आतिशी के विपक्ष के नेता बनने के बाद आम आदमी पार्टी को अब दिल्ली विधानसभा में विपक्षी दल के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। आप ने हमेशा दिल्ली में एक स्वस्थ विपक्ष की आवश्यकता पर जोर दिया है और अब यह जिम्मेदारी आतिशी पर है कि वह पार्टी को विपक्षी दल के रूप में नेतृत्व प्रदान करें।
आतिशी का दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चयन उनके राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। CAG रिपोर्ट पर उनकी सफाई और बीजेपी द्वारा फैलाई जा रही भ्रांतियों को लेकर उनका बयान यह दर्शाता है कि वह हमेशा सच्चाई के साथ खड़ी रहती हैं। अब देखना यह होगा कि विपक्षी नेता के रूप में उनका नेतृत्व दिल्ली विधानसभा में कैसे आकार लेता है और पार्टी किस तरह से अपनी जिम्मेदारी निभाती है।
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