दिल्ली विधानसभा सत्र 24 फरवरी से शुरू, कैग रिपोर्ट को लेकर आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ने की संभावना
दिल्ली विधानसभा का सत्र 24 फरवरी से शुरू हो रहा है और यह तीन दिन चलेगा, 27 फरवरी को समाप्त होगा। इस सत्र के दौरान दिल्ली विधानसभा में पटल पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट रखी जाएगी, जिसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) के लिए समस्याएं बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का सत्र 24 फरवरी से शुरू हो रहा है और यह तीन दिन चलेगा, 27 फरवरी को समाप्त होगा। इस सत्र के दौरान दिल्ली विधानसभा में पटल पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट रखी जाएगी, जिसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) के लिए समस्याएं बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
कैग रिपोर्ट और आम आदमी पार्टी
दिल्ली विधानसभा सत्र के दौरान 14 लंबित कैग रिपोर्ट्स पेश की जाएंगी, जो आम आदमी पार्टी (आप) की पिछली सरकार के प्रदर्शन से जुड़ी हैं। इन रिपोर्ट्स में भ्रष्टाचार और नियमों के उल्लंघन के मुद्दे उठाए गए हैं। खासकर, आबकारी नीति में हुए नुकसान और मुख्यमंत्री आवास के निर्माण कार्य से जुड़ी जांच की रिपोर्टें शामिल हैं। इन रिपोर्ट्स के पटल पर आने से आप सरकार की मुश्किलें बढ़ने का अंदेशा है।
दिल्ली विधानसभा सूत्रों ने पुष्टि की है कि 27 फरवरी को समाप्त होने वाले इस सत्र में कैग रिपोर्ट पटल पर रखी जाएगी। इससे पहले, भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार इस मुद्दे का उल्लेख किया था।
भाजपा का विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए नामांकन
इस सत्र में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव भी होंगे। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने विजेंद्र गुप्ता का नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिए और मोहन सिंह बिष्ट का नाम उपाध्यक्ष के लिए प्रस्तावित किया है।
इस चुनाव प्रक्रिया के लिए भाजपा विधायक अरविंदर सिंह लवली को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। वह सभी विधायकों को शपथ दिलाएंगे और विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव कराएंगे। इसके बाद उनका पद समाप्त हो जाएगा।
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भाजपा का कैग रिपोर्ट को लेकर अभियान
आप सरकार के दौरान, भाजपा ने बार-बार यह आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार ने कैग रिपोर्ट को जानबूझकर रोका हुआ था ताकि उसके भ्रष्टाचार को छिपाया जा सके। भाजपा ने अदालत से भी गुहार लगाई थी कि सरकार को कैग रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया जाए।
दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा ने दिल्ली में सरकार बनाई है, जिसमें भाजपा के 48 विधायक हैं, जबकि विपक्षी आम आदमी पार्टी के पास 22 विधायक हैं। भाजपा के लिए यह एक महत्वपूर्ण मौका है, क्योंकि विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर अब एक नया मोड़ आ सकता है।
नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी
दिल्ली विधानसभा के इस सत्र के पहले दिन, 24 फरवरी को नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। इसके बाद, 25 फरवरी को भाजपा सरकार कैग रिपोर्ट पेश करेगी, जिससे दिल्ली की राजनीति में एक नया उबाल आ सकता है।
दिल्ली विधानसभा सत्र में कैग रिपोर्ट के पटल पर आने के बाद आम आदमी पार्टी के लिए कई सवाल खड़े हो सकते हैं। भाजपा की ओर से इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया जा चुका है, और आने वाले दिनों में यह मुद्दा दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा आकार ले सकता है। यह सत्र दिल्ली के राजनीतिक वातावरण को प्रभावित करने वाला साबित हो सकता है, खासकर भाजपा और आप के बीच के सियासी संघर्ष के चलते।
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