Waqf Amendment Bill विपक्षी हंगामे के बीच वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट पेश, खरगे और नड्डा के बीच तीखी नोकझोंक

गुरुवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की गई, जिसके बाद विपक्षी सांसदों ने इस पर जमकर हंगामा किया। रिपोर्ट को राज्यसभा में मेधा कुलकर्णी ने पेश किया, लेकिन विपक्षी दलों ने इसे लेकर असहमति जताई। उनका आरोप था कि जेपीसी की रिपोर्ट से उनके द्वारा दी गई डिसेंट नोट को हटा दिया गया, जो कि असंवैधानिक है।

Feb 13, 2025 - 13:33
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Waqf Amendment Bill विपक्षी हंगामे के बीच वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट पेश, खरगे और नड्डा के बीच तीखी नोकझोंक
जेपीसी की रिपोर्ट पर नड्डा-खरगे की नोक झोक

दिल्ली: गुरुवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की गई, जिसके बाद विपक्षी सांसदों ने इस पर जमकर हंगामा किया। रिपोर्ट को राज्यसभा में मेधा कुलकर्णी ने पेश किया, लेकिन विपक्षी दलों ने इसे लेकर असहमति जताई। उनका आरोप था कि जेपीसी की रिपोर्ट से उनके द्वारा दी गई डिसेंट नोट को हटा दिया गया, जो कि असंवैधानिक है।

विपक्षी सांसदों का विरोध
विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि जिन सदस्यों ने कमेटी में असहमति व्यक्त की थी, उनकी राय को रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया। तिरुचि शिवा ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट में डिसेंट नोट का होना अनिवार्य है, लेकिन इस बार इसका पालन नहीं किया गया। मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे "फर्जी रिपोर्ट" बताते हुए कहा कि इस विधेयक को मंजूरी नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा, "सांसदों की राय को दबाया गया है और हमें यह विधेयक अस्वीकार है।"

खरगे ने आगे कहा कि उनके दल के कई सदस्य वक्फ विधेयक पर असहमति व्यक्त करते हुए डिसेंट नोट्स दिए थे, जिन्हें जानबूझकर रिपोर्ट से बाहर कर दिया गया। उन्होंने इस पूरे मामले को अलोकतांत्रिक बताया और कहा कि यह कदम संसद की निष्पक्षता के खिलाफ है।

खरगे ने रिपोर्ट फिर से जेपीसी को भेजने की अपील की
खरगे ने अपनी असहमति को और अधिक स्पष्ट करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट जेपीसी के पास फिर से भेजी जानी चाहिए। उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से यह कदम उठाने की अपील की और कहा कि रिपोर्ट को संवैधानिक तरीके से फिर से पेश किया जाए। उन्होंने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से भी इस रिपोर्ट को अस्वीकार करने का आग्रह किया।

जेपी नड्डा का पलटवार: तुष्टिकरण की राजनीति
इस पर जवाब देते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष का उद्देश्य चर्चा करना नहीं, बल्कि केवल अपने राजनीतिक अंक हासिल करना था। उन्होंने कहा कि सभापति ने विपक्ष को पूरी स्वतंत्रता दी थी, और कई मुद्दों पर दरियादिली दिखाते हुए कोई एक्शन नहीं लिया गया। नड्डा ने यह भी स्पष्ट किया कि रिपोर्ट में किसी भी प्रकार का कोई डेटा डिलीट नहीं किया गया है और जो भी असहमति थी, उसे पूरी तरह से शामिल किया गया था।

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जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि कुछ लोग देश को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस उन ताकतों का समर्थन कर रही है जो भारत को खंडित करना चाहते हैं।

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए। जहां विपक्ष ने विधेयक में असहमति को दबाने का आरोप लगाया, वहीं बीजेपी ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया। इस मुद्दे पर अब देखना यह होगा कि आगे राज्यसभा में इस पर किस प्रकार की चर्चा और निर्णय लिया जाएगा।

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Prashant Singh Journalism Student University Of Lucknow.