ग्राहकों को गर्मीयों में ठंडी बीयर के लिए होना पड़ सकता है परेशान, जाने वजह....
उत्तर प्रदेश में 2025-26 के लिए घोषित की गई नई आबकारी नीति में ठंडी बीयर की बिक्री को लेकर शराब विक्रेताओं में असमंजस की स्थिति बन गई है। सरकार ने हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में नई नीति को मंजूरी दी और अधिसूचना भी जारी की, लेकिन कंपोजिट दुकानों पर ठंडी बीयर की बिक्री की स्पष्टता नहीं होने से व्यापारी वर्ग में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।

कंपोजिट दुकानों में अंग्रेजी शराब, बीयर और वाइन की बिक्री का बदलाव
नई आबकारी नीति के तहत अब कंपोजिट दुकानों पर अंग्रेजी शराब, बीयर और वाइन की बिक्री एक साथ की जा सकेगी। हालांकि, एसपी सिंह, अध्यक्ष, शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश, का कहना है कि इस बदलाव के लिए दुकानों का आकार बढ़ाना होगा, लेकिन नीति में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इन दुकानों पर ठंडी बीयर की बिक्री की सुविधा होगी या नहीं। उन्होंने विभाग से जल्द स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है, ताकि विक्रेताओं को किसी प्रकार का भ्रम न रहे।
मॉडल शॉप के रूप में परिवर्तित करने की सुविधा
नई नीति के अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान
- ट्रैक एंड ट्रेस शुल्क: ट्रैक एंड ट्रेस का शुल्क ईडीपी (एक्स-डिस्टलरी मूल्य) के हिसाब से निर्धारित किया जाएगा।
- गोदाम फीस और निर्यात शुल्क: शराब के गोदाम की फीस दो लाख रुपये होगी, और विदेशी शराब की निर्यात पास फीस 10 रुपये प्रति बल्क लीटर होगी।
- होटल लाइसेंस शुल्क: पर्यटन विभाग द्वारा स्टार वर्गीकरण प्राप्त न करने वाले होटलों को लाइसेंस फीस के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा।
- आयातित बीयरों पर शुल्क: अन्य देशों से आयातित तीव्रता वाली बीयरों की परमिट फीस 175 रुपये प्रति बल्क लीटर तय की गई है।
- सुरक्षा उपाय: सभी दुकानों में दो-दो सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और दुकानों की जियो फेंसिंग की जाएगी।
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