योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद प्रस्ताव: महाकुंभ और सनातन धर्म की अहमियत पर कटाक्ष
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों, विशेष रूप से समाजवादी पार्टी (सपा), पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सपा और वामपंथियों द्वारा महाकुंभ और सनातन धर्म की अवहेलना पर सवाल उठाए और महाकुंभ के आयोजन को वैश्विक स्तर का बताया। मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को समाजवादी से सनातनी बनने के लिए सराहा और उन्हें महाकुंभ की सफलता पर बिना किसी भेदभाव के सच्चे सनातन धर्म को स्वीकार करने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष की उस टिप्पणी का जवाब दिया जिसमें उन्होंने महाकुंभ को वैश्विक स्तर का आयोजन बनाने पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में 63 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं की उपस्थिति और उसके आयोजन में कोई भी जातिगत भेदभाव न होने का उदाहरण दिया। योगी आदित्यनाथ ने कहा, "महाकुंभ में अगर विश्वस्तरीय सुविधा नहीं होती तो यह विशाल संख्या संभव नहीं होती।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महाकुंभ में जातिगत भेदभाव की कोई बात नहीं थी, बल्कि यह आयोजन सबको एकता का संदेश देता है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महाकुंभ का दुष्प्रचार करने वालों ने भी इसका भव्यता अनुभव किया था, लेकिन उन्होंने कभी इस पर सकारात्मक टिप्पणी नहीं की। उन्होंने उदाहरण दिया कि महाकुंभ में हर जाति, धर्म, और पंथ के लोग एक साथ स्नान करते हैं, जो कि भारतीय सनातन धर्म की सच्ची तस्वीर है। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ में भाग लेने वालों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, और 74 देशों के राजनयिक शामिल हुए, जो इस आयोजन की भव्यता को साबित करता है।
योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में यह भी स्पष्ट किया कि वह केवल सनातन धर्म ही नहीं, बल्कि भारत की सभी धार्मिक परंपराओं का सम्मान करते हैं। उन्होंने भगवान बुद्ध, जैन तीर्थंकरों, सिख गुरुओं, कबीरपंथियों और महर्षि वाल्मीकि जैसी विभिन्न भारतीय परंपराओं का उल्लेख किया और कहा कि इन सभी से भारत को शक्ति और एकता मिलती है।
मुख्यमंत्री ने 2013 में महाकुंभ की अव्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय मुख्यमंत्री के पास आयोजन की समीक्षा करने का समय नहीं था। उन्होंने कहा, "उस समय महाकुंभ में भ्रष्टाचार, प्रदूषण और अव्यवस्था थी, जबकि इस बार सरकार ने स्वच्छता और व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया।" उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्षों में जहां अन्य देशों के नेता महाकुंभ की अव्यवस्था के कारण स्नान करने से कतराए थे, वहीं इस बार देश-दुनिया के सभी महत्वपूर्ण नेता महाकुंभ का हिस्सा बने और उसकी भव्यता की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ में हुए दुखद हादसों का भी उल्लेख किया, लेकिन साथ ही कहा कि इन सारी परेशानियों के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास ने महाकुंभ को अभूतपूर्व सफलता दिलाई। उन्होंने कहा कि महाकुंभ ने उन लोगों को जबरदस्त संदेश दिया जो जीवन की मुश्किलों का सामना करने के बावजूद अपनी श्रद्धा के साथ आयोजन में शामिल हुए।
योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को भारत की एकता और सनातन धर्म का प्रतीक बताया। उन्होंने इसे "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि इस आयोजन ने दुनियाभर को भारत की विविधता और एकता की ताकत का अहसास कराया।
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