Trilateral Highway: जल्दी ही आप कोलकाता से कार चलाते हुए थाईलैंड पहुंचेंगे, जान लीजिए पूरी बात
Kolkata-Bangkok Highway: दो दशक पहले भारत के पूर्व प्रधनमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक सपना देखा था। यह सपना था भारतीय शहर कोलकाता से म्यांमार होते हुए थाईलैंड की राजधानी बैंकाक...
कोलकाता: वह दिन ज्यादा दूर नहीं, जबकि आप कोलकाता के प्रसिद्ध हावड़ा ब्रिज (Howrah Bridge) से कार लेकर निकलें और ड्राइव करते-करते थाईलैंड की राजधानी बैंकाक (Bangkok) तक पहुंच जाएं। यह राजमार्ग भारत से म्यांमार होते हुए बैंकाक तक जाएगा। जी हां, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के इस त्रिपक्षीय राजमार्ग को जमीन पर उतारने का प्रयास तेजी से चल रहा है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो साल 2027 तक यह परियोजना पूरी हो जाएगी। इससे संबंधित एक रिपोर्ट हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया ने छापी है।
क्या है इस हाईवे का उद्देश्य
कोलकाता-बैंकाक हाईवे, जिसे त्रिपक्षीय हाईवे या राजमार्ग (Trilateral highway) के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसका उद्देश्य भारत, म्यांमार और थाईलैंड के बीच संपर्क बढ़ाना है। भारत में कोलकाता से थाईलैंड में बैंकाक तक फैला यह हाईवे म्यांमार से होकर गुजरेगा। इसके बन जाने से तीनों देशों के व्यापारिक संबंधों में सुधार होगा और क्षेत्रीय एकीकरण में मदद मिलेगी। यह परियोजना भारत की लुक ईस्ट पॉलिसी के साथ अलाइंड है। साथ ही बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (BIMSTEC) का हिस्सा है और भारत में सबसे लंबी राजमार्ग परियोजनाओं में से एक बनने के लिए तैयार है।
अटर बिहार वाजपेयी का सपना
इस राजमार्ग को डेवलप करने के पीछे भारत के पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दृष्टि थी। उनके नेतृत्व में ही साल 2002 में त्रिपक्षीय राजमार्ग की कल्पना की गई थी। इससे भारत, म्यांमार और थाईलैंड के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा मिलने की पूरी उम्मीद है।
बढ़ेगा आर्थिक संबंध
इस परियोजना का उद्देश्य तीनों देशों के बीच निर्बाध संपर्क बनाना, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाना है। कई चुनौतियों और देरी का सामना करने के बावजूद, इस राजमार्ग के 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है, जो इस क्षेत्र में व्यापार और यात्रा को एक नया आयाम प्रदान करेगा।
तीन मुख्य लाभ
कोलकाता-बैंकाक राजमार्ग के पूरा होने से व्यापार और कनेक्टिविटी के मामले में महत्वपूर्ण लाभ मिलने की उम्मीद है। यहां हम बता रहे हैं इस राजमार्ग से मिलने वाले कुछ प्रमुख लाभ:-
व्यापार में वृद्धि: राजमार्ग भारत और आसियान देशों के बीच निर्यात और आयात में वृद्धि की सुविधा प्रदान करेगा, आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा और व्यापार की मात्रा को बढ़ाएगा।
महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ना: राजमार्ग बैंकाक, यांगून, मांडले और कोलकाता सहित तीन देशों के कई प्रमुख शहरों को जोड़ेगा। भारत में, सिलीगुड़ी, गुवाहाटी और कोहिमा जैसे शहर भी जुड़ेंगे, जिससे क्षेत्रीय पहुंच बढ़ेगी। यह राजमार्ग ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर और अयेयावाडी-चाओ फ्राया-मेकांग आर्थिक सहयोग रणनीति में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करेगा, जो कंबोडिया, लाओस और वियतनाम तक कनेक्टिविटी बढ़ाएगा।
यात्रा के बेहतर विकल्प: एक बार राजमार्ग चालू हो जाने के बाद, यह हवाई यात्रा का विकल्प प्रदान करेगा, जिससे लोगों को कोलकाता और बैंकॉक के बीच ड्राइव करने की अनुमति मिलेगी, जिससे यात्रा की लागत में संभावित रूप से कमी आएगी।
कितनी होगी लंबाई और किन शहरों से गुजरेगी
कोलकाता-बैंकाक राजमार्ग या त्रिपक्षीय राजमार्ग की लंबाई 2,800 किलोमीटर है। कोलकाता-बैंकाक राजमार्ग भारत, म्यांमार और थाईलैंड के कई शहरों से होकर गुजरेगा। यह थाईलैंड के बैंकाक, सुखोथाई और माई सोत शहरों से होते हुए म्यांमार में प्रवेश करेगा। वहां यह यांगून, मांडले, कलेवा और तामू से गुजरते हुए भारत में प्रवेश करेगा। वहां मोरे, कोहिमा, गुवाहाटी, श्रीरामपुर और सिलीगुड़ी होते हुए राजमार्ग कोलकाता पहुंच जाएगा।
What's Your Reaction?