केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने एनटीए की परीक्षा नीति में बदलाव की घोषणा, 2025 से NTA नहीं कराएगा भर्ती परीक्षाएं
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) 2025 से शुरू होने वाली किसी भी भर्ती परीक्षा का आयोजन नहीं करेगी। वे अब केवल उच्च शिक्षा प्रवेश परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे। यह कदम इस साल की शुरुआत में गठित एक उच्च स्तरीय पैनल की सिफारिशों पर आधारित है, जिसने विभिन्न परीक्षाओं में गड़बड़ियों, जैसे मेडिकल प्रवेश परीक्षा एनईईटी के लीक और संदिग्ध लीक मामलों के कारण परीक्षाओं को रद्द करने की श्रृंखला के बाद परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता जताई थी।
नई दिल्ली, 17 दिसंबर 2024: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) 2025 से शुरू होने वाली किसी भी भर्ती परीक्षा का आयोजन नहीं करेगी। वे अब केवल उच्च शिक्षा प्रवेश परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे। यह कदम इस साल की शुरुआत में गठित एक उच्च स्तरीय पैनल की सिफारिशों पर आधारित है, जिसने विभिन्न परीक्षाओं में गड़बड़ियों, जैसे मेडिकल प्रवेश परीक्षा एनईईटी के लीक और संदिग्ध लीक मामलों के कारण परीक्षाओं को रद्द करने की श्रृंखला के बाद परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता जताई थी।
परिक्षा प्रणाली में हो सकता है बदलाव
प्रधान ने बताया कि मंत्रालय इस मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ भी लगातार बातचीत कर रहा है ताकि यह निर्णय लिया जा सके कि आगामी परीक्षाएं पारंपरिक पेन और पेपर आधारित मोड में आयोजित की जाएं या फिर कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड पर स्विच किया जाए। परीक्षाओं में गड़बड़ियों के कारण, विशेषकर मेडिकल क्षेत्र की परीक्षाओं में जो हाल के महीनों में चर्चा का विषय बनीं, इस सुधार की सख्त आवश्यकता महसूस की गई। इन मामलों के कारण छात्रों के लिए परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठे थे, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी अधिकारियों ने परीक्षा प्रणाली को दुरुस्त करने की दिशा में कदम उठाए हैं।
उच्च शिक्षा प्रवेश परीक्षाएं NTA के जिम्मे
एनटीए द्वारा पहले आयोजित की जाने वाली विभिन्न भर्ती परीक्षाओं को अब विभिन्न विभागों और मंत्रालयों द्वारा आयोजित किया जाएगा, जिससे एजेंसी का कार्यक्षेत्र केवल उच्च शिक्षा प्रवेश परीक्षाओं तक सीमित हो जाएगा। यह बदलाव भारतीय शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता, गुणवत्ता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस नीति में बदलाव के साथ-साथ छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए परीक्षा की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और भरोसेमंद बनाने के लिए अन्य सुधार भी किए जाएंगे।
What's Your Reaction?