भारत करेगा 2025 में विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर की मेज़बानी
भारत अगले साल 10 अगस्त को भुवनेश्वर में पहली बार विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर कार्यक्रम की मेज़बानी करने जा रहा है। यह कांस्य स्तर की वैश्विक प्रतियोगिता होगी, जिसका आयोजन भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने 2025 के कैलेंडर की घोषणा के दौरान किया। इसी के साथ ही एएफआई ने भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, क्योंकि यह कार्यक्रम भारत में पहली बार आयोजित होने जा रहा है।
भारत अगले साल 10 अगस्त को भुवनेश्वर में पहली बार विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर कार्यक्रम की मेज़बानी करने जा रहा है। यह कांस्य स्तर की वैश्विक प्रतियोगिता होगी, जिसका आयोजन भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने 2025 के कैलेंडर की घोषणा के दौरान किया। इसी के साथ ही एएफआई ने भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, क्योंकि यह कार्यक्रम भारत में पहली बार आयोजित होने जा रहा है।
क्या है विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर?
विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर, विश्व एथलेटिक्स द्वारा आयोजित ट्रैक और फील्ड प्रतियोगिताओं की एक वार्षिक श्रृंखला है। यह प्रतियोगिता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली एक दिवसीय बैठकों का दूसरा सबसे प्रमुख चरण है, जो डायमंड लीग के बाद आता है। कॉन्टिनेंटल टूर में दुनिया भर के एथलीटों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है और यह एथलेटिक्स की दुनिया में एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में स्थापित है।
कॉन्टिनेंटल टूर में विभिन्न स्तर होते हैं—गोल्ड, सिल्वर, और कांस्य—जिनमें से कांस्य स्तर का आयोजन भुवनेश्वर में किया जाएगा। इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में एथलीटों को अंक प्राप्त होते हैं, जो उन्हें आगामी बड़े आयोजनों जैसे विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में मदद करते हैं।
भुवनेश्वर में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता
भुवनेश्वर, एथलेटिक्स की दुनिया में एक प्रमुख स्थान बन चुका है। ओडिशा में हाल ही में आयोजित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों, जैसे कि 2017 में आयोजित एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप और 2018 में आयोजित एशियाई सॉफ्टबॉल चैंपियनशिप, ने राज्य को एक प्रमुख खेल हब के रूप में स्थापित किया है। भुवनेश्वर का कालिंगा स्टेडियम, जो एक आधुनिक और विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस है, इस प्रतियोगिता का मुख्य स्थल होगा।
यह आयोजन भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, क्योंकि इस से देश के उभरते हुए एथलीटों को दुनिया भर के शीर्ष एथलीटों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा। भारतीय एथलेटिक्स के लिए यह कदम भारत में एथलेटिक्स को और अधिक प्रोत्साहन देने में सहायक होगा, और यह दर्शाता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स कैलेंडर पर एक महत्वपूर्ण स्थान बना रहा है।
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ का बयान
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के अध्यक्ष आदिल सुमारीवाला ने इस अवसर पर कहा, “यह भारत के लिए एक गर्व का क्षण है कि हम विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर की मेज़बानी करेंगे। इस आयोजन से भारतीय एथलीटों को एक वैश्विक मंच पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। हम आशा करते हैं कि यह भारत में एथलेटिक्स के विकास को और भी गति देगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि एएफआई अगले कुछ वर्षों में भारत में एथलेटिक्स को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए निरंतर प्रयास करेगा और इस तरह के अंतरराष्ट्रीय आयोजनों का समर्थन करेगा।
भारत में एथलेटिक्स के बढ़ते स्तर की ओर एक कदम
भुवनेश्वर में विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर का आयोजन भारत में एथलेटिक्स के स्तर को और ऊंचा उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह आयोजन भारतीय एथलीटों को न केवल अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का अनुभव देगा, बल्कि उन्हें विश्व स्तर पर पहचान बनाने का भी एक बेहतरीन अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह भारत के खेल बुनियादी ढांचे को भी एक नई पहचान देगा, जिससे अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिए भारत का आकर्षण बढ़ेगा।
भारत के लिए यह अवसर एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है, जो देश के एथलेटिक्स क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
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